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चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज की नींव रखने वाले सतनाम संधू राज्यसभा के लिए नामित

चंडीगढ़ 2001 में सतनाम संधू ने मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (सीजीसी) की नींव रखी थी। इसके बाद उन्होंने 2012 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का गठन किया। विश्वविद्यालय को क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2023 में एशिया के निजी विश्वविद्यालयों में पहला स्थान मिला।

राष्ट्रपति ने सतनाम सिंह संधू को राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया है। किसान के बेटे सतनाम सिंह संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं। उन्हें आज राज्यसभा की सदस्यता के लिए नामांकित किया गया है।

संधू ने 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (सीजीसी) की नींव रखी थी। इसके बाद उन्होंने 2012 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का गठन किया। प्रारंभिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करने के कारण चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर संधू गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए लाखों छात्रों को वित्तीय मदद देते हैं।

वह अपने दो गैर सरकारी संगठनों ‘इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन’ और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार और सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्रयासों से छाप छोड़ी है और विदेशों में प्रवासी भारतीयों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संधू को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया-मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ने सतनाम सिंह संधू को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सतनाम ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है। मैं उन्हें उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी।