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केवल मुट्ठीभर लोगों ने ही देश को आजादी नहीं दिलाई, कई मुसीबतों के बाद सरदार सरोवर डैम हुआ तैयार: पीएम मोदी

दभोई, गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नर्मदा महोत्सव समापन समारोह के मौके पर सरदार सरोवर बांध को इंजिनियरिंग का अनूठा नमूना बनाते हुए इसे देश के लिए बड़ा सौगात बताया। पीएम ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती के दिन इस डैम को देश को समर्पित करना डैम का निर्माण करने वालों का स्मरण भी है। पीएम ने साथ ही कहा कि अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल और भीमराव आंबेडकर अगर कुछ दिन और जीवित रहते तो यह बांध 60-70 के दशक में ही बनकर तैयार हो जाता। उन्होंने कहा कि इस बांध के निर्माण में अडंगा लगाने के लिए कई साजिशें रची गईं, लेकिन फिर भी हम इसे पूरा करने में सफल रहे। पीएम ने इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान देने वाले आदिवासियों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि कुछ मुट्ठीभर लोगों ने ही देश की आजादी के लिए बलिदान दिया है, लेकिन आदिवासियों के बलिदान को भुला दिया गया है।

पीएम ने कहा कि आजादी में आदिवासियों और भुला दिए गए योद्धाओं के योगदान को रेखांकित करने के लिए पूरे देश में म्यूजियम बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘गुजरात में एक ऐसे ही म्यूजियम को शिलान्यास करने का अवसर मुझे आज मिला है। आदिवासियों ने सरदार सरोवर बांध के लिए अपनी जमीनें दीं, अपने हित त्यागे। उन सभी को मेरा नमन है।’ उन्होंने कहा, ‘आदिवासी जनता का धन्यवाद, सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के सिद्धांत के तहत अगर उन्हें कुछ छोड़ना पड़ा तो छोड़ दिया। जिनके त्याग के कारण आज भारत मां नर्मदा के जल से पुष्पित होने जा रही है।’

बांध निर्माण रोकने को हुए बड़े षडयंत्र 
पीएम ने कहा, ‘सरदार सरोवर बांध का निर्माण रोकने के लिए बड़े-बड़े षडयंत्र हुए हैं। दुनिया की कोई ऐसी ताकत नहीं थी जिसने इसमें रुकावटें पैदा नहीं की हों। विश्व बैंक ने इस डैम के लिए पैसा नहीं दिया। अफवाह फैलाने वालों ने खूब झूठ फैलाया। यह डैम एक करिश्मा है। कई बार अनाप-शनाप आरोप लगाए गए। हमने इसे राजनीतिक विवाद का विषय नहीं बनने दिया। यह योजना 21वीं सदी के पीढ़ी का भाग्य का निर्माण करने वाला है। बड़ी मुसीबतें आईं, मेरे पास सबका कच्चा चिट्ठा है, लेकिन मुझे इसपर राजनीति नहीं करनी है। गुजरात के संतों ने इसके लिए लड़ाई लड़ी। गुजरात के मंदिरों से भी डैम बनाने के लिए पैसे आए। यह किसी दल या सरकार का कार्यक्रम नहीं है। पानी के तरसते लोगों के लिए संकल्प का कार्यक्रम है।’

‘सरदार सरोवर बांध एक करिश्मा’
पीएम मोदी ने सरदार सरोवर बांध को एक करिश्मा बताते हुए कहा कि इससे गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के करोड़ों लोगों का भाग्य बदलेगा। विकास में रुकावट पानी के अभाव के कारण हुआ। कभी किसी ने पानी के अभाव वाली दर्दनाक जिंदगी की कल्पना नहीं की है। पाकिस्तान की सीमा पर बीएसएफ जवानों को पानी की किल्लत मैंने देखी थी। हमने जवानों के लिए पाइपलाइन के जरिए पीने के पानी की व्यस्था की। यह पानी पानी नहीं बल्कि पारस है। लोगों को इस बांध के कारण कई समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। पशुओं, मनुष्यों को पीने का पानी मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की आत्मा आज जहां भी होगी वह हमपर ढेर सारे आशीर्वाद बरसा रही होगी। हममे से कई लोगों के जन्म से पहले इस डैम का सपना देखा गया था। अगर सरदार पटेल और भीमराव आंबेडकर कुछ दिन और जीवित रहते यह डैम 60-70 के दशक में ही तैयार हो गया होता और पश्चिम के सारे राज्य सुजलाम-सुफलाम बन गए होते।’

‘जन्मदिन की बधाई देने वालों का शुक्रिया’
पीएम मोदी का आज 67वां जन्मदिन है। इस अवसर पर उन्हें देश के हर कोने से बधाई मिल रही है। मोदी ने कहा, ‘मुझे जन्मदिन की बधाई देने वालों का शुक्रिया। मैं जन्मदिन नहीं मनाता हूं, लेकिन लोगों के शुभकामना का धन्यवाद।’

‘न छोटा सोचता हूं, न छोटा करता हूं’
पीएम ने कहा, ‘मुझे छोटा काम जमता ही नहीं है। न मैं छोटा सोचता हूं और न छोटा करता हूं। जब 125 करोड़ वासी का देश हो तो छोटे सपने देखने का हक भी नहीं है। सरदार साहब का स्टैचू बनाने का प्रण लिया तो यह दुनिया का सबसे बड़ा बनाने का प्रण लिया। कुल मिलाकर 190 मीटर की प्रतिमा और 182 मीटर की स्टैचू अमेरिका के स्टैचू ऑफ लिबर्टी से दोगुना होगा।’ उन्होंने कहा कि देश में केवल ताजमहल दिखाने के लिए ही नहीं है बल्कि बहुत कुछ है। सरदार साहब के स्टैचू को देखने लाखों लोग आएंगे।’