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कसौली में महिला अफ़सर की हत्या मामले पर SC ने लिया संज्ञान, कहा- 160 पुलिसवालों के होते हुए कैसे भागा आरोपी

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में होटल में अवैध निर्माण तोड़ने के दौरान महिला अफसर शैल बाला की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. नाराज सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने का फैसला लिया है.

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को करेगा. कोर्ट ने कहा कि जिस तरह आरोपी विजय ने घटना को अंजाम दिया वो गंभीर है और ये पूरी तरह अवमानना का मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं और कहा कि मौके पर 160 पुलिसवाले थे फिर भी आरोपी विजय सिंह कैसे गोलियां दाग कर पिस्तौल लहराते हुए मौके से फरार हो गया?

कोर्ट ने कहा कि पुलिस कैसे मौके के पास होने के बावजूद पीछा कर पकड़ नहीं पाई? कोर्ट ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट और वीडियो से साफ है कि आरोपी ने महिला अफसर से बहस की ओर झगड़ा किया.

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मुद्दे को उठाने वाले वकील सूर्य नारायण सिंह को कहा है कि वो चीफ जस्टिस के सामने केस को रखें ताकि गुरुवार को दोबारा सुनवाई हो सके. इस दौरान हिमाचल प्रदेश की ओर से कहा गया कि उस दौरान महिला अफसर लंच के लिए गई थी. घटना के बाद पुलिस टीम आरोपी की तलाश कर रही है.

नारायणी गेस्ट हाउस मालिक विजय कुमार ने महिला अफसर शैल बाला की गोली मारकर हत्या की और इसमें एक एक मजदूर भी घायल हो गया है. हिमाचल प्रदेश के कसौली में होटलों और रेस्टोरेंट में हुए अवैध निर्माणों पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को आदेश जारी किए थे. कोर्ट ने कहा कि पैसा कमाने के लिए लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला गया है. सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकायों को 15 दिन में अवैध निर्माणों को तोड़ने का आदेश दिया था.

इन होटलों औऱ रेस्टोरेंट  में नारायणी गेस्ट हाउस, दीपशिखा होटल, बर्ड व्यू रिसोर्ट, आ गेस्ट हाउस, नीलगिरी होटल, होटल पाइन व्यू, होटल शिवालिक, होटल व्हिसपेरिंग विंडस स्वीट्स, सनराइज कॉटेज और पाइंस होटल है. होटल इन ने कहा कि वह एक कमरा जो कि अवैध कंस्ट्रक्शन है उसको वह अपने आप तोड़ देंगे. सुप्रीम कोर्ट निकायों को निर्देश दिया कि वह जाकर जांच करें कि इसको तोड़ा गया है कि नहीं.