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आधार कार्ड बनेगा अब ड्राइविंग लाइसेंस का मजबूत ‘आधार, साफ्टवेयर तैयार

लखनऊ । देश में बेहद जरूरी हो गया आधार कार्ड अब ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए जरूरी होने वाला है। ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को और मजबूत करने के उद्देश्य से विभाग डीएल बनवाने के लिए एक द्विस्तरीय व्यवस्था लागू करने जा रहा है। नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) में इसे लेकर ट्रायल चल रहा है। दो से तीन माह के भीतर यह योजना भी ऑनलाइन होगी। इस योजना को ‘आधार अथेंटिकेशन’ का नाम दिया गया है।

ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोडऩे के पीछे विभागीय सोच यह है कि किसी भी तरह से फर्जी लाइसेंस न बनने पाए और सही व्यक्ति को ही लाइसेंस मिले। पूरी पड़ताल के बाद ही डीएल जारी हो। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस लेने वाले आवेदक को एक द्विस्तरीय प्रक्रिया से गुजरना होगा। अभी कुछ आवेदक आधार को पते के लिए उपयोग करते हैं और वह जरूरी नहीं था।

परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि आने वाले दिनों में ड्राइविंग लाइसेंस भी एक अहम दस्तावेज के रूप में दिखेगा। चूंकि अभी तक किसी भी व्यक्ति की जानकारी के लिए देश में आधार कार्ड से बेहतर व्यवस्था नहीं है। लिहाजा डीएल को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। सोच सीधी और साफ है कि किसी भी दशा में फर्जी लाइसेंस न बनने पाएं। इसका ट्रायल एनआइसी में चल रहा है। सबकुछ संतोषजनक रहा तो सितंबर से पहले इसे शुरू कर दिया जाएगा।

प्रथम प्रक्रिया

पहली प्रक्रिया ओटीपी आधारित होगी। आवेदन के समय जब व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन करेगा तो उस पर अपना आधार नंबर फीड करेगा। साथ ही आधार कार्ड में उसने जो मोबाइल नंबर दर्ज किया है, उसे फीड करना होगा। उसके बाद ‘आधार अथेंटिकेशन’पर जाकर उसे क्लिक करना होगा। मोबाइल नंबर पर ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड आएगा। उसे डीएल का आवेदन करने वाले को ऑनलाइन भरकर ओके करना होगा।

द्वितीय प्रक्रिया

इसके बाद जब आवेदक टेस्ट और अन्य औपचारिकताओं के लिए आरटीओ कार्यालय आयेगा तो उसका थंब इम्पे्रशन लिया जायेगा। इसके बाद वह सीधे तौर पर ‘आधार अथेंटिकेशन’ में आधार परीक्षण कार्रवाई से जुड़ जाएगा और उसकी पुष्टि हो जाएगी कि वही व्यक्ति लाइसेंस पाने वाला है, जिसने आवेदन किया है।

इस सिलसिले में एनआइसी ने साफ्टवेयर तैयार कर लिया है। इसका ट्रायल चल रहा है। सब कुछ पटरी पर रहा तो अधिकतम तीन माह के अंदर डीएल की यह फुलप्रूफ योजना भी ऑनलाइन शुरू हो जाएगी। मसलन, एक बार लाइसेंस बना तो सिवाए पते के उसमें अन्य बदलाव आसानी के साथ नहीं किए जा सकेंगे। इससे किसी भी तरह से फर्जी लाइसेंस न बन पाने की मंशा पर ठोस अमल हो सकेगा।