www.puriduniya.com लखनऊ/मथुरा। जवाहर बाग कांड के बाद शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी की मां ने अखिलेश यादव के 20 लाख के मुआवजे के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा है कि अखिलेश हमसे 20 लाख रुपये और ले लें, लेकिन वे मेरे बेटे को वापस ले आएं। उन्होंने मेरे बेटे को मथुरा भेजा था, जहां उसकी मौत हो गयी। शहीद एसपी के एक अन्य भाई हैं, जो दुबई में रहते हैं। वे अपने परिवार के साथ वापस घर लौट आये हैं।
शहीद एसपी के पिता श्रीचंद द्विवेदी ने मीडिया से कहा है कि हमारी उम्र 77 साल है और इस उम्र में किसी का बेटा मर जाये तो इससे बड़ा और दुख क्या होगा। उन्होंने कहा कि हमें जिंदा रहने की इच्छा नहीं है। श्रीचंद ने कहा कि और भी शहीद हैं और उनके माता-पिता इस दर्द को झेल रहे हैं, हमें भी झेलना होगा। उन्होंने कहा कि इस घटना ने सूबे की सरकार के मुंह पर कालिख पोत दी है.
कौन थे एसपी मुकुल द्विवेदी?
– फायरिंग के दौरान मारे गए एसपी मुकुल द्विवेदी 1998 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे।
– 2000 में उनका प्रमोशन हुआ और डिप्टी एसपी बनाए गए।
– द्विवेदी के दो बेटे हैं। दोनों बरेली में पढ़ाई करते हैं। इस वक्त गर्मी की छुट्टी होने के कारण दोनों मथुरा में ही हैं।
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ये है पूरा मामला
– शहर के जवाहर बाग की करीब 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने पुलिस पहुंची थी। ये जमीन बागवानी विभाग की है।
– लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने 2 दिन पहले बाग पर कब्जा किए लोगों को नोटिस देते हुए इसे 24 घंटे के अंदर खाली करने की वॉर्निंग दी थी।
– इसके बाद भी अवैध कब्जा करने वालों ने बाग को खाली नहीं किया।
– गुरुवार को पुलिस जवाहर बाग पहुंची। 2 हजार लोगों के लौट जाने के बाद भी बाग में करीब 3 हजार लोग मौजूद थे।
– पुलिस को देखते ही लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। भीड़ ने आगजनी भी की।
– फायरिंग में एडिशनल एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव, एसओ प्रदीप कुमार और एसओ संतोष कुमार यादव को गोली लग गई।
– हॉस्पिटल ले जाते समय संतोष कुमार यादव की मौत हो गई।
– वहीं, द्विवेदी की आगरा के नयति हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई।