नई दिल्ली। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2007 में अपने रूस दौरे के वक्त हादसे का शिकार होने से बच गए थे। 11 नवंबर 2007 को मनमोहन सिंह रूस ले जा रहे एयर इंडिया वन की मॉस्को में लैंडिंग के समय कुछ ऐसा हुआ जो बड़े हादसे में बदल सकता था। दरअसल विमान के पायलट ने विमान के लैंडिंग गियर को जरूरत के मुताबिक नीचे नहीं किया।
बोइंग 707 एयर इंडिया वन विमान के केबिन क्रू ने मॉस्को ATC द्वारा इस बारे में ध्यान दिलाए जाने के बाद ही विमान के पहियों को नीचे किया। अगर पहियों को नीचे किये बिना ही लैंडिंग करा दी जाती, तो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाता। यह जानकारी सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दी।
फ्लाइट के डेटा रेकॉर्डर से पता चलता है कि भारतीय प्रधानमंत्री के इस आधिकारिक विमान ने सुरक्षा संबंधी कुछ अन्य गंभीर चूकें भी कीं। पाया गया है कि विमान इलेक्ट्रॉनिक ग्लाइड स्लोप के नीच उड़ रहा था। इलेक्ट्रॉनिक ग्लाइड स्लोप विमान का रास्ता होता है। नीचे उतर रहे विमान को सही तरीके से रनवे पर उतरने के लिए इसका पालन करना होता है। इस खबर के बारे में कई बार पूछे जाने के बाद भी एयर इंडिया की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
ये सुरक्षा चूकें कितनी गंभीर हो सकती थीं, इसके बारे में जानने के लिए हमने कई पायलट्स से बात की। जूनियर पायलट्स को प्रशिक्षण देने वाले एक वरिष्ठ कमांडर ने बताया, ‘यह हैरान करने वाली बात है कि फ्लाइड के FDR डेटा के मुताबिक विमान काफी कम ऊंचाई पर आ गया था। इसके बाद मॉस्को ATC ने क्रू को बताया कि उसके पहिये बाहर नहीं हैं, जो कि लैंडिंग के लिए जरूरी है।’
उधर कुछ पायलट्स का यह भी कहना है कि अति-विशिष्ट विमान में लैंडिंग के लिए पहिये थोड़ी देर से निकालने का फैसला करना मुमकिन है। उनका कहना है कि जिस समय पहियों को निकाला जाता है, उस समय विमान के अंदर ज्यादा शोर पैदा हो जाता है।