नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुत्वीय तरंगों की खोज में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इन तरंगों को ‘आइंस्टाइन तरंगें’ भी कहा जा रहा है क्योंकि अल्बर्ट आइंस्टाइन आज से तकरीबन 100 साल पहले ही इस बारे में अनुमान लगा लिया था।
गुरुत्वीय तरंगों की खोज को सदी की सबसे बड़ी खोज कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि वैज्ञानिकों की यह उपलब्धि अंतरिक्ष विज्ञान को ज्यादा गहराई से समझने में मदद करेगी। गुरुत्वीय तरंगों की खोज करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल थे और पीएम मोदी उन्हें बधाई देने में पीछे नहीं रहे। मोदी ने इस बारे में लगातार कई ट्वीट किए और वैज्ञानिंकों की तारीफ की।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा,’मुझे इसका बेहद गर्व है कि इस चुनौतीपूर्ण खोज में भारतीय वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है।’ मोदी ने ट्वीट किया,’गुरुत्वीय तरंगों की ऐतिहासिक खोज ब्रह्मांड को समझने में नए आयामों को जन्म देगी।’ पीएम मोदी ने अपने एक दूसरे ट्वीट में कहा,’मुझे उम्मीद है कि देश गुरुत्वीय तरंगों की खोज के साथ और अधिक योगदान करेगा और आगे बढ़ेगा।’
Immensely proud that Indian scientists played an important role in this challenging quest.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016
Historic detection of gravitational waves opens up new frontier for understanding of universe!
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016
Hope to move forward to make even bigger contribution with an advanced gravitational wave detector in the country.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016
आइंस्टाइन से पहले तक अंतरिक्ष और समय को किसी भी असर से मुक्त माना जाता था। दशकों से वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या गुरुत्वीय तरंगें सचमुच दिखाई देती हैं। इसकी खोज करने के लिए यूरोपीयन स्पेप एजेंसी ने लीज पाथफाइंडर नाम का स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा था।