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योगी कैबिनेट ने जैव ऊर्जा नीति को दी मंजूरी, मुजफ्फरनगर और गोंडा की कटरा बाजार नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को मिली हरी झंडी

लखनऊ योगी कैबिनेट ने जैव ऊर्जा नीति को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही एमएसएमई नीति को भी मंजूर कर लिया गया है। मंगलवार को लोक भवन में योगी कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें 20 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है। कैबिनेट ने मुजफ्फरनगर और गोंडा की कटरा बाजार नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को भी हरी झंडी दे दी है। राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन होगा। केंद्र की नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट ट्रांसफ़ॉरमेशन कमीशन बनेगा। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे।

कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने बैठक में हुए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जैव ऊर्जा नीति मंजूर कर ली गई है। पांच साल की इस नीति में सब्सिडी देंगे। सरकार सभी जिलों में बायो फ्यूल प्लांट लगाने के लिये आवेदन मांगेगी। तीस साल के लिये एक रुपये की लीज पर जमीन दी जाएगी। स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

मंत्री ने अरविंद शर्मा ने बताया कि ऊर्जा विभाग के अंतर्गत जैव ऊर्जा के संबंध में एक विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इसके अंतर्गत पराली जलाने अर्बन समस्या का समाधान होगा। वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। जैव अपशिष्ट का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से हो सकेगा। इसके तहत 5 वर्ष में होने वाली जैव ऊर्जा परियोजना के अंतर्गत बायोगैस बायोकॉन बायोडाटा भारत सरकार की उत्पादन योजना पर इंसेंटिव दिया जाएगा।

वहीं, एमएसएमई नीति के तहत ग्राम सभाओं की जमीन लेकर एमएसएमई यूनिट लगेंगी। एक्सप्रेस वे के पांच किलोमीटर में 5 एकड़ जमीन पर एमएसएमई क्लस्टर बनेगा।