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WTO में अमेरिका से सोलर केस हार गया भारत

solarजिनीवा। भारत सौर ऊर्जा पर विवाद के मामले में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में मुकदमा हार गया है। भारत सरकार अमेरिका की इस शिकायत को गलत साबित करने में नाकाम रही कि उसने भारतीय सौर ऊर्जा क्षेत्र में आयातकों के बीच भेदभाव किया।

डब्ल्यूटीओ की अपीलीय प्राधिकार के जजों ने पहले के फैसले को सही ठहराया जिसमें कहा गया है कि सोलर पावर डिवेलपर्स के लिए भारत में बने सेल्स और मॉड्यूल्स के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाकर भारत ने डब्ल्यूटीओ के नियमों को तोड़ा है। अपील का फैसला आखिरी है और अब भारत को अपने कानून में डब्ल्यूटीओ के कानूनों के मुताबिक बदलाव करना होगा।

अमेरिकी ट्रेड रेप्रजेंटेटिव माइकल फ्रोमैन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘यह रिपोर्ट सौर संयंत्र बनाने वाली अमेरिकी कंपनी और इसमें काम करने वाले लोगों की स्पष्ट जीत है। साथ ही, इससे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई एक कदम और आगे बढ़ी है।’ बयान में कहा गया है कि भारत ने जब से यह नियम लागू किया है तब से अमेरिकी सोलर एक्सपोर्ट्स में 90 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आ गई है। वहीं, भारत के अधिकारियों ने इस फैसले पर तुरंत कोई टिपण्णी नहीं की।
इससे पहले इसी साल फरवरी में आए फैसले में जजों ने कहा था कि भारत ना तो इस आधार पर छूट पाने का दावा कर सकता है कि उसके राष्ट्रीय सौर ऊर्जा क्षेत्र में सरकारी खरीद भी शामिल है और ना ही इस आधार पर कि सौर ऊर्जा से जुड़े सामानों की आपूर्ति यहां कम है। साथ ही यह कहना भी उचित नहीं है कि भारत पारिस्थितिकी तंत्र के अनुरूप टिकाऊ विकास सुनिश्चित कर रहा है या जलवायु परिवर्तन से मुकाबला कर रहा है।