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UP: चुनाव प्रचार के दौरान SP कैंडिडेट का निधन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक उम्मीदवार की चुनाव प्रचार के दौरान ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। चंद्रशेखर कन्नौजिया अम्बेडकर नगर जिले की आलापुर सीट से SP के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। उनकी सीट सहित जिले की पांचों सीटों पर प्रदेश में पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होना था। पार्टी नेता की मौत के बाद आनन-फानन में आगामी कई नुक्कड़ सभाएं स्थगित कर दी गईं।

38 वर्षीय चंद्रशेखर अपनी विधानसभा के साबितपुर देवाड़ा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के सिलसिले में लोगों से मिल रहे थे कि तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा। पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उनको तुरंत एक निजी अस्पताल लेकर गए लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रत्याशी की मौत की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया।

जहांगीरगंज थाना क्षेत्र के उमरी भवानीपुर निवासी कन्नौजिया को SP ने अपने वर्तमान विधायक भीम प्रसाद सोनकर का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया था। 3 बार से टिकट की दावेदारी कर रहे चंद्रशेखर कन्नौजिया को इस बार भी कई बार उतार-चढ़ाव के बाद पहले ब्लॉक प्रमुख बलिराम और फिर मौजूदा विधायक सोनकर का टिकट काटकर पार्टी ने टिकट दिया था।

आलापुर विधान सभा की राजनीति में करीब 25 वर्षों से सक्रिय उमरी भवानीपुर निवासी SP कैंडिडेट चंद्रशेखर कन्नौजिया की मौत की सूचना से स्तब्ध पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस बार पार्टी ने उनका टिकट मंजूर किया तो भगवान ने नहीं सुनी। इस बार भी इस बार चंद्रशेखर कन्नौजिया ने बहुत पहले ही अपनी दावेदारी पेश कर दी थी, लेकिन पार्टी ने एक बार बलिराम और दूसरी बार भीम प्रसाद सोनकर को टिकट दे दिया।

जब आलापुर विधानसभा में मौजूदा विधायक भीम प्रसाद सोनकर को लेकर कार्यकर्ता बगावत करने लगे। बात पार्टी हाईकमान तक पंहुची और काफी मंथन के बाद नामांकन का पर्चा खरीदने जा रहे भीम प्रसाद सोनकर को पार्टी के कद्दावर नेता अहमद हसन ने नामांकन करने से रोक दिया।

उसी दिन लखनऊ में पार्टी नेताओं की मौजूदगी में आलापुर से चंद्रशेखर कन्नौजिया का टिकट घोषित किया गया। पार्टी का टिकट मिलने के बाद चंद्रशेखर कन्नौजिया ने पार्टी के सिम्बल पर नामांकन कर अपना प्रचार शुरू कर दिया था। रविवार को वह राजेसुल्तानपुर इलाके में अपने पक्ष में जन समर्थन मांग रहे थे कि अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।

आनन-फानन में साथ के समर्थकों ने उन्हें पड़ोसी जिले आजमगढ़ के अतरौलिया के एक निजी इलाज में अस्पताल के लिए ले गए, जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पार्टी नेता की मौत की सूचना पर मौके पर कैबिनेट मंत्री अहमद हसन, जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर सिंह मिंटू, टांडा विधायक अजीमुल हक पहलवान सहित दर्जन भर नेता चन्द्रशेखर के घर पंहुचे और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।