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मेरी तकनीक में कोई गड़बड़ी नहीं है, संभवत अपने दिमाग की उधेड़बुन को नहीं समझ पाया: विराट कोहली

दुबई। विराट कोहली ने पिछले तीन वर्षों में स्वयं को काफी बदला है और इसकी बानगी तब देखने को मिली जब उन्होंने अपना बहुप्रतीक्षित 71वां अंतरराष्ट्रीय शतक जमाने के बाद मुस्कान बिखेरी और शादी की अपनी अंगूठी को चूमा। कोहली को अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए 1020 दिन तक इंतजार करना पड़ा। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी यह बहुत लंबा इंतजार था। एक बार जब उन्होंने यह इंतजार समाप्त किया तो राहत की सांस ली।

उन्होंने पहले की तरह जोश में इसका जश्न नहीं मनाया। अफगानिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच में शतक जड़ने के बाद कोहली ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘ पिछले ढाई साल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मैं एक महीने में 34 साल का हो जाऊंगा और गुस्से में जश्न मनाना अब अतीत की बात हो चुकी है।’’ कोहली ने गुरुवार को 61 गेंदों पर नाबाद 122 रन बनाए जो टी20 क्रिकेट में उनका पहला शतक है। इससे भारत ने अफगानिस्तान को 101 रन के बड़े अंतर से पराजित किया। कोहली ने एशिया कप से पहले एक महीने का लंबा विश्राम लिया था और तब उन्होंने पाया कि उनकी तकनीक में कोई गड़बड़ी नहीं है और वह संभवत अपने दिमाग की उधेड़बुन को नहीं समझ पाए थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे दिमाग में कई तरह की बातें चल रही थी। लोग कह रहे थे कि मैं यह गलती कर रहा हूं। मैंने अपने सर्वश्रेष्ठ समय के वीडियो देखे और मेरा रवैया पहले जैसे ही था। मेरी तकनीक पहले जैसे ही थी बस अंतर इतना था कि मेरे दिमाग में क्या कुछ चल रहा है मैं उसको किसी को समझा नहीं पा रहा था।’’

कोहली ने कहा,‘‘ आखिर में एक व्यक्ति के रूप में आप जानते हैं कि आप किस स्थिति में हैं। लोगों की अपनी राय होगी लेकिन उनको यह अहसास नहीं हो सकता कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं।’’ कोहली ने लगभग तीन साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक लगाया और वह भी एक ऐसे प्रारूप में जिसने उन्हें बहुत कम उम्मीद थी। अपने 71वें शतक से उन्होंने सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने के मामले में रिकी पोंटिंग की बराबरी की।

सचिन तेंदुलकर 100 शतक लगाकर शीर्ष पर काबिज है। उन्होंने कहा ,‘‘ मैं वास्तव में स्तब्ध था। इस प्रारूप में शतक के बारे में नहीं सोचा था। कई चीजों का परिणाम है यह। टीम ने काफी मदद की।’’ कोहली ने इसका श्रेय अपनी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा को दिया जो बुरे दौर में उनके साथ खड़ी रही। उन्होंने कहा,‘‘ मैं जानता हूं कि बाहर बहुत सारी बातें चल रही थी। मैंने अपनी अंगूठी को चूमा। आप मुझे यहां देख रहे हैं क्योंकि एक इंसान ने मेरे लिए चीजों को सरल बनाए रखा। वह अनुष्का है। यह शतक उसको और हमारी बेटी वामिका को समर्पित है।