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हादसे के बाद भी नहीं खुल रही पुलिस की आखें

तिंदवारी/बांदा। ग़लत पार्किंग से बाँदा के बड़ोखर खुर्द के गांव जमनीपुरवा में बाँदा-मिर्जापुर नेशनल हाईवे पर खड़े ट्रक में तेज रफ्तार कार के टकरा जाने से हुए हादसे में पांच लोगों की जान गवाने के बाद जब पुलिस नही सीख ले रही है, तो आम आदमी की क्या बात करें? लगातार आये दिन सड़क दुर्घटनाओं में जान गवाने के साक्षी बन रहे पुलिस पर भी कोई असर नही पड़ रहा है। तिंदवारी पुलिस ने पकड़े गए ओवरलोड आधा दर्जन ट्रकों को नेशनल हाईवे पर थाने के सामने गलत जगह पर खड़ा करा दिया है।
26 फरवरी को आरटीओ, खनिज और पुलिस प्रशासन ने आधा दर्जन ओवरलोड ट्रक पकड़े थे, जिन पर सीजर की कार्यवाही के बाद सभी आधा दर्जन ट्रकों को थाने के सामने मुख्य बाजार में नेशनल हाईवे पर किनारे-किनारे खड़ा करा दिया है। जबकि हमेशा पकड़े गए ट्रक कुरसेजा चौकी में खाली पड़े मैदान में खड़े कराए जाते थे। एक पखवाड़े से खड़े ट्रकों से जाम की स्थिति तो बनी ही रहती है, साथ ही कोई बड़े हादसे का भी डर भी बना रहता है। गलत पार्किंग में खड़े यह ट्रक कब शिकार का सबब बन जाय कहा नही जा सकता। आम आदमी के लिए तो कानून बने हैं, लेकिन पुलिस पर गलत पार्किंग के लिए कौन कार्यवाही करें? फिलहाल शायद पुलिस को किसी दुर्घटना का इंतजार है। शनिवार को हुई पीस कमेटी की मीटिंग में भी थाने के सामने खड़े ट्रकों को लेकर यह सवाल उठाया गया लेकिन अब तो पीस कमेटी भी कोरम पूरा करने और फ़ोटो खिंचवाने के लिए होती हैं।