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श्रद्धा मर्डर केस: पिता का खुलासा 10 महीने बाद भी नहीं हो सकता श्रद्धा का अंतिम संस्कार

किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार तय समय में कर दिया जाता है। अंतिम संस्कार करने के बाद कहा जाता है कि व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है। अंतिम संस्कार को हर धर्म में काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। मगर एक पिता ऐसा है जिसे अपनी बेटी की मृत्यु के 10 महीने बाद भी उसका अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं मिली है।

ये मामला कोई और नहीं बल्कि दिल्ली में सामने आए चर्चित श्रद्धा वॉकर हत्या कांड का है। यहां अपनी बेटी की मृत्यु के 10 महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी श्रद्धा वॉकर के पिता विकास वॉकर अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नहीं कर सके है। श्रद्धा की उसके लिव इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने बीते वर्ष 18 मई को हत्या कर दी थी। हत्या के बाद इसका खुलासा नवंबर में हुआ था।

साकेत कोर्ट में 20 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान श्रद्धा के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की हत्या को मई में एक वर्ष पूरा हो जाएगा मगर मैं अब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सका हू। उन्होंने बताया कि अभी वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि जब आफताब को मौत की सजा सुनाई जाएगी उसके बाद ही वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करेंगे। गौरतलब है कि उनके बेटी के शव के टुकड़े उनके पास नहीं है। जब उन्हें शव के टुकड़े सौपें जाएंगे उसके बाद ही वो अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर सकेंगे।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई
इसके अलावा आफताब के खिलाफ सुनवाई को लेकर उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए। न्याय के हित में सुनवाई त्वरित अदालत (फास्ट-ट्रैक कोर्ट) में समयबद्ध तरीके से की जानी चाहिए। श्रद्धा वॉकर के पिता विकास वालकर ने कहा, “हम त्वरित अदालत में समयबद्ध तरीके से मुकदमे की सुनवाई का अनुरोध करते हैं। आरोपी को मौत की सजा होनी चाहिए।” उनकी वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि वह शीघ्र ही त्वरित अदालत में समयबद्ध तरीके से मुकदमे की सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेंगी। उन्होंने कहा कि निर्भया मामले में फैसला आने में पूरे सात वर्षों का समय लगा था। मगर इस मामले को निर्भया मामले की तरह खत्म होने में साल नहीं लगने चाहिए।

आरोप पत्र के अनुसार, आफताब अमीन पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को अपने लिव-इन पार्टनर वालकर का गला घोंट दिया और उसके शव को टुकड़े-टुकड़े कर उसे ठिकाने लगाने से पहले करीब तीन सप्ताह तक घर में फ्रीज में रखा था। बाद में कई दिनों में उसने शव के टुकड़ों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में ठिकाने लगा दिया था, जिनमें से कुछ को बरामद कर लिया गया है।