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अडानी के बचाव पर शरद पवार की सफाई, कहा-अगर बहुमत सत्ताधारी दल का हैए,तो यह निश्चित नहीं है कि देश के सामने कितनी सच्चाई आएगी

हिंडनबर्ग रिपोर्ट और संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग को खारिज करते हुए एनसीपी प्रमुख ने शनिवार को कहा कि यह सच है कि एनसीपी उन विपक्षी दलों में से एक है जो संसद में अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग में शामिल हो गए हैं। एक जेपीसी में सत्ता पक्ष से 15 लोग और विपक्ष से 5-6 लोग ही होंगे। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए पवार ने कहा, “अगर बहुमत सत्ताधारी दल का है, तो यह निश्चित नहीं है कि देश के सामने कितनी सच्चाई आएगी।

अडानी मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे। टाटा का देश में योगदान है। आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है। जेपीसी की मांग हमारे सभी साथियों ने की, ये बात सच है मगर हमें लगता है कि जेपीसी में 21 में से 15 सदस्य सत्ताधारी पार्टी के होंगे। यहां ज्यादातर लोग सत्ताधारी पर्टी के हों वहां देश के सामने सच्चाई कहां तक आएगी।