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SC ने दिया रॉबर्ट वाड्रा को बड़ा झटका, DLF जमीन सौदे के मामले में हो सकती है पूछताछ

नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जानकारी के मुताबिक DLF जमीन सौदों में हुई आमदनी की आयकर विभाग से समीक्षा जारी रहेगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को किसी भी तरह की राहत देने से साफ इनकार कर दिया है. जिसका मतलब है कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रहेगा (दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कंपनी की याचिका रद्द कर दी थी). दरअसल, स्काइलाइट ने सुप्रीम कोर्ट में आयकर विभाग की कार्रवाई को रद्द करने की मांग करती हुई याचिका दायर की थी. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वॉड्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं.

आयकर विभाग के पुनर्मूल्यांकन नोटिस को दी गई थी चुनौती
जानकारी के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी शुक्रवार को रॉबर्ड वाड्रा को झटका देते हुए उनकी कंपनी की ओर दायर याचिका खारिज कर दी. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए पुनर्मूल्यांकन नोटिस को चुनौती दी गई थी.

अब हो सकती है वाड्रा से पूछताछ
आपको बता दें कि स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी ने मई 2016 में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के अधिकार और दायित्वों का अधिग्रहण किया था. अब सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद, गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और स्काईलाइट के अन्य अधिकारियों के साथ पूछताछ की जाएगी.

यूं हुआ था पैसों का खेल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने कथित रूप से डीएलएफ से 5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, उसने इस धन का इस्तेमाल जमीन खरीदने के काम में इस्तेमाल किया, और बाद में उसने उसी जमीन को डीएलएफ को 50 करोड़ रुपये में बेच दिया.

याचिकाकर्ता ने रखा था ये पक्ष
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि आयकर विभाग ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर दिया था जो मई 2016 में खत्म हो चुकी है. याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि नोटिस एक अमान्य है क्योंकि वह उसे जारी किया गया था जिसकी न्यायिक मौजूदगी ही नहीं है.