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बदहाली की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान ककी मिन्नतों के बाद रूस ने 50 हजार टन गेहूं की पहली खेप भेजी

पाकिस्तान को अपने एटम बम पर बड़ा गुलाम है, लेकिन हालात नहीं संभले तो पाकिस्तान खुद पर ही एटम बम फोड़ लेगा। खतरा इसलिए भी है क्योंकि चीन ने 70 करोड़ डॉलर की खैरात दी तो दूसरी तरफ भूखे मरते पाकिस्तान के दिमाग में जंग का फितूर भर दिया। जिस पर पाकिस्तानी आवाम तौबा-तौबा करते दिख रहे हैं। अब जब पाकिस्तान की सांसो का दिया बुझने ही वाला है तब रूस की तरफ से उसके लिए खुशखबरी आई है। पाकिस्तान के मिन्नतों के बाद रूस से गेहूं की पहली खेप अब पाकिस्तान में दाखिल हो गई है।

ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण (जीपीए) के अध्यक्ष पसंद खान बुलेदी ने कहा कि ग्वादर बंदरगाह के जरिए रूस से गेहूं का आयात शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि समझौते के मुताबिक कुल 450,000 मीट्रिक टन गेहूं नौ जहाजों के जरिए आयात किया जाएगा। पहला जहाज एमवी लीला चेन्नई 50,000 मीट्रिक टन गेहूं लेकर ग्वादर बंदरगाह पहुंच गया। जीपीए के अध्यक्ष ने कहा कहा कि चाइना ओवरसीज पोर्ट्स होल्डिंग कंपनी, ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान, पाकिस्तान एग्रीकल्चर स्टोरेज एंड सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड, पाकिस्तान कस्टम्स और नेशनल लॉजिस्टिक्स सेल गेहूं के आयात, उतराई, भंडारण और वितरण के लिए अपनी-अपनी भूमिका निभाएंगे।

ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान और ग्वादर इंटरनेशनल टर्मिनल लिमिटेड के बीच हुए समझौते के तहत सभी व्यवस्थाएं पहले ही पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय ने 30 नवंबर, 2022 को रूस की ओर से आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) द्वारा 7वीं अंतरराष्ट्रीय निविदा और जी2जी प्रस्ताव के परिणामों पर विचार करते हुए गेहूं के आयात के लिए एक निविदा जारी की थी। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा सबसे कम बोली स्वीकार की गई थी, जो G2G के लिए $372 प्रति मीट्रिक टन थी। “जबकि समझौते के अनुसार, 450,000 मीट्रिक टन गेहूं का आयात संचालन 2 मार्च से 31 मार्च, 2023 तक जारी रहेगा।