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RBI ने जारी किये थे 9 खरब और बैंकों ने बांट दिए 15 खरब, पहेली बने 600 अरब रुपये

नई दिल्ली। बाजार में नोटबंदी के बाद से 600 अरब रुपये कहां से अतिरिक्त आ गए. इस सवाल को लेकर अब रिजर्व बैंक के आला अफसरों की नींद उड़ गयी है. बताया जाता है कि रिजर्व बैंक ने करीब 9.1 लाख करोड़ रुपये यानी (9.1 खरब रुपये) के नए नोट जारी किए लेकिन बाजार में उससे भी ज्यादा नए नोट चलन में आ गए. जिसको लेकर अब हड़कंप मच गया है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को रात आठ बजे नोटबंदी का एलान किया था, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने 9.1 लाख रुपये मूल्य की नई करेंसी जारी की थी. लेकिन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर अगर ऐतबार करें तो उसके मुताबिक संसदीय समिति को सौंपी गयी आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 जनवरी 2017 तक रिजर्व बैंक ने 9.1 लाख रुपये मूल्य की नई करेंसी नोट जारी किए हैं मगर लोगों ने उस रकम के अतिरिक्त 600 अरब रुपये (9 बिलियन डॉलर) और निकाले हैं.

इस रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई द्वारा बुधवार को संसदीय समिति के समक्ष जो रिपोर्ट रखी गई, उसमें यह बात कही गई है. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा आमतौर पर होता नहीं है और कायदे से सर्कुलेशन में जो करेंसी है, लोगों द्वारा उसके पास कम कैश होना चाहिए. हालांकि इस बारे में स्पष्ट डाटा अभी सामने आना बाकी है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी ने सर्कुलेशन में मौजूद 177 खरब रुपए में से 154 खरब रुपए रद्द कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि इन नोटों को नए नोटों से बदल दिया जाएगा. 9 नवंबर से 13 जनवरी के बीच आरबीआई ने 55.3 खरब रुपए के नए नोट छापे और 25 अरब 19 करोड़ 70 लाख बैंक नोट सर्कुलेशन में डाले, जिनका मूल्य 67.8 खरब रुपए था. 13 जनवरी तक जनता ने 97 खरब रुपए बैंक काउंटर्स और कैश डिस्पेंशिंग मशीनों से निकाले हैं. यानी सर्कुलेशन में जारी रकम 67.8 खरब से करीब 30 खरब रुपये अतिरिक्त सर्कुलेशन में आ गए.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने करेंसी नोट को अमान्य घोषित कर दिया था. इसके बाद लोगों में अफरा तफरी मच गई थी. 10 नवंबर के बाद से देश भर में लोगों की लंबी-लंबी कतारें बैंकों और एटीएम सेन्टर्स पर लगने लगी. अभी भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है. बैंक अभी भी पैसे निकालने पर पाबंदी लगाए हुए हैं.