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मोदी सरनेम पर विवादित बयान को लेकर सुनवाई में राहुल गांधी दोषी करार, जमानत पर रिहा हुए कांग्रेस नेता

मोदी सरनेम पर विवादित बयान को लेकर सूरत कोर्ट में आज राहुल गांधी पेश हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया हैं। इस मामले में राहुल गांधी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई हैं। सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चेलेंज देने के लिए जमानत की अपील की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और राहुल गांधी को 30 दिनों की जमानत दे दी गयी हैं। ये मामला चार साल पुराना है। केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले वह कोर्ट में तीन बार पेश हो चुके हैं। सूरत की एक अदालत ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज किए गए एक आपराधिक मानहानि मामले में फैसला सुनाया है और कांग्रेस नेता को दोषी करार दिया हैं।

मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी दोषी करार, 2 साल की सजा

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने मोदी उपनाम टिप्पणी के लिए मानहानि के मामले में दोषी ठहराया और 2 साल की जेल की सजा सुनाई। गुजरात के सूरत शहर की एक अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनके कथित मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 504 के तहत दोषी ठहराया गया है। इस धारा के तहत अधिकतम संभावित सजा दो साल है। राहुल गांधी के खिलाफ उनके कथित आरोप के लिए मामला दर्ज किया गया था “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?” भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की शिकायत पर टिप्पणी शिकायतकर्ता ने दावा किया कि विवादास्पद टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में की गई थी, जिसने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था।

कांग्रेस ने गुरुवार को राहुल गांधी के समर्थन में पोस्टर लगाए। पोस्टर सूरत कोर्ट के बाहर लगाए गए थे, जहां कांग्रेस सांसद अदालत की कार्यवाही के लिए पहुंचे थे। भगत सिंह और सुखदेव की तस्वीरों के साथ पोस्टरों में लिखा था, “चलो लोकतंत्र के समर्थन में सूरत चलते हैं”।

 क्या था चार साल पुराना पूरा मामला

राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी। राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था। राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे।