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POSITIVE NEWS- यूपी में आतंक की राह पर भटके युवाओं को घर लाने की तैयारी, ATS बना रही है प्रस्ताव

लखनऊ।  दौलत की चाह में भटके हुए युवाओं को अब सुधारने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। जिसके चलते एटीएस के डी-रेडिक्लाइजेशन (घर वापसी) प्रोग्राम को कानूनी जामा पहनाने की तैयारी की जा रही है। आंतक की राह पर चल रहे प्रदेश के युवाओं को इस प्रोग्राम के जरिए एटीएस मुख्य धारा में जोड़ने का काम कर रही है। इसके साथ ही इससे संबंधित एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे जल्द गृह विभाग को भेजा जाएगा। वहां से इस बाबत शासनादेश जारी होने के बाद गुमराह युवकों की बुनियादी जरूरतों जैसे- शिक्षा व रोजगार आदि दिलाने में अन्य सरकारी विभागों की मदद ली जा सकेगी।

कई विभागों में है ऐसे लोगों को रास्ते पर लाने की योजना 

दरअसल इस प्रोग्राम को लेकर कोई शासनादेश नहीं होने से एटीएस को कभी-कभी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि कई बार युवक परिवार की कमजोर आर्थिक हालत और सरकारी मशीनरी के उदासीन रवैये के चलते गलत रास्ते पर चले जाते हैं। ऐसे में उन युवकों को समाज कल्याण जैसे अन्य विभागों से मदद दिलाने की योजना है ताकि वे आसानी से समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सके और फिर से गलत रास्ते पर न जाएं।

अब तक 7 परिवार जुड़े हैं योजना से 

आईजी एटीएस असीम अरुण ने कहा, डी-रेडिक्लाइजेशन प्रोग्राम के जरिए उन परिवारों से आगे आने की अपील की गई है, जिनका कोई सदस्य आतंक के रास्ते पर चल रहा है, लेकिन वे समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें। इसके लिए फोन नंबर 0522-2304586 और 9792103156 जारी किए गए हैं। लोग इन नंबरों पर कॉल कर एटीएस से मदद मांग सकते हैं। आईजी ने बताया कि पिछले दो महीने में इन नंबरों पर 125 से अधिक कॉल आ चुकी हैं। इसके जरिए सात परिवारों के किसी न किसी सदस्य को मुख्य धारा से जोड़ा गया।

अजीज लोगों के जरिये काउंसलिंग

आईजी एटीएस बताते हैं कि अगर किसी युवक के गुमराह होने की खबर मिलती है या उनकी गतिविधियां संदिग्ध दिखाई देती हैं तो उन्हें उनके परिवार, मित्र, धर्मगुरुओं के साथ मिल कर काउंसलिंग कराई जाती है। कभी-कभी परिवार के लोग यह मानने को तैयार नहीं होते हैं कि उनका बेटा गलत रास्ते पर जा रहा है। ऐसे परिवारों को इसके सुबूत दिखाए जाते हैं ताकि परिवार उसे सही रास्ते पर लाने के लिए प्रेरित कर सके।