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PNB फ्रॉड: वित्त मंत्रालय का दावा- स्थिति नियंत्रण में, सभी बैंक दें अपनी रिपोर्ट

मुंबई। वित्त मंत्रालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है. हालांकि अन्य बैंकों में ऐसी घटना न होने पाए इसलिए मंत्रालय ने देश के सभी बैंकों से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट तलब की है.

वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर या इस समय कोई बड़ी चिंता की बात है.’ इससे पहले दिन में पीएनबी ने खुलासा किया कि उसने कुछ धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगा लिया है. ये लेनदेन 1.171 अरब डॉलर या करीब 11,334.4 करोड़ रुपये के हैं. वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है.

हालांकि पंजाब नेशनल बैंक में इस धोखाधड़ी को लेकर चिंतित वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को इस मामले से जुड़ी या इस प्रकार की घटनाओं के संबंध में इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देने को कहा है.

पीएनबी की सफाई

पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में ऋण दिया है. इस मामले को पहले ही विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है, जिससे दोषियों के खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई हो सके. बैंक ने कहा कि वह स्वच्छ और पारदर्शी बैंकिंग को लेकर प्रतिबद्ध है.

10 दिन पहले सामने आया था बड़ा मामला

दस दिन से भी कम के समय में यह बैंक धोखाधड़ी का दूसरा मामला सामने आया है. इससे पहले पांच फरवरी को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ 280.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.

नीरव मोदी और पीएनबी से धोखाधड़ी

सूत्रों के मुताबिक पीएनबी ने धोखाधड़ी कर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी एंड एसोसिएट्स को गारंटी पत्र (लेटर आफ अंडरटेकिंग) दिया और उन्होंने इसे विदेशों में निजी एवं सार्वजनक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों से भुनाया. उसने कहा कि यह सब 2011 से काम उप-महाप्रबंधक के स्तर के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर किया गया. हालांकि मामले में कदम उठाते हुए पीएनबी ने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

क्या देश से बाहर नहीं निकल पाया पैसा?

वहीं बैंकिंग मामलों के जानकार रित्विक भट्टाचार्या का कहना है कि भले बैंक में इस फ्रॉड की खबर से शेयर की कीमतों में 10 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है लेकिन इससे ज्यादा नुकसान की संभावना कम है. भट्टाचार्या के मुताबिक बैंक से ज्यादातर ट्रांजैक्शन लेटर ऑफ क्रेडिट पर किए गए हैं लिहाजा संभव है कि बैंक से गायब हुए पैसे को देश से बाहर नहीं निकला जा पाएगा. हालांकि, भट्टाचार्या ने कहा कि पुख्ता जानकारी के लिए अब सीबीआई जांच के नतीजों का इंतजार करना होगा.