मोदी ने इस योजना की घोषणा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने कभी भी बाबू जगजीवन राम की वर्षगांठ पर कोई समारोह आयोजित नहीं किया। कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने देश में हरित क्रांति के लिए काफी काम किया और 1971 के युद्ध के समय वह रक्षा मंत्री थे।
मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के लोगों के योगदान को नजरअंदाज किया गया। इसी समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय ने पिछले दो साल के दौरान गरीब लोगों की बेहतरी के लिए काफी काम करने का प्रयास किया है। आमतौर पर यह मंत्रालय बड़े कारपोरेट घरानों से जुड़ा रहता है। उन्होंने इस मौके पर सरकार की कई योजनाओं मसलन जनधन योजना, बीमा एवं पेंशन योजना और मुद्रा योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं वित्तीय समावेशी को प्रोत्साहन देने के अलावा गरीबों को सशक्त भी कर रही हैं।
जेटली ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 2015-16 में 3.26 करोड़ लाभार्थियों को 1.35 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह प्रधानमंत्री द्वारा तय 1.22 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक है। मोदी समारोह स्थल पर एक सजाए गए ई-रिक्शा पर पहुंचे। उन्हें कुछ लाभार्थियों को चाबी भी सौंपी तथा 5,100 ई रिक्शा को रवाना किया।
प्रधानमंत्री ने ई-रिक्शा मालिकों से अपने बच्चों विशेषरूप से लड़कियों को शिक्षित करने की अपील करते हुए कहा कि देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक कि गरीबों औ दलितों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिले।
उन्होंने कहा कि ई -रिक्शा योजना पर्यावरण अनुकूल है, क्योंकि इसमें बैटरी को सौर बिजली बैटरी स्टेशन से रिचार्ज करने का विकल्प है। ‘ई-रिक्शा से हमें ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में मदद मिलेगी।’ हालांकि, इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उपस्थित नहीं थे। समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और बड़ी संख्या में सांसद मौजूद थे। उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कमाल अख्तर ने किया।
योजना के तहत ऋण सुविधा लेने वाले एससी-एसटी तथा महिला उद्यमियों को निकासी के लिए रूपे डेबिट कार्ड दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें व्यापक समर्थन मसलन रिण पूर्व प्रशिक्षण, ऋण लेने में मदद, फैक्टरिंग और विपणन सहयोग दिया जाएगा।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा 10,000 रुपये की पुनर्वित्त खिड़की उपलब्ध कराई जाएगी और नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लि. (एनसीजीटीसी) 5,000 करोड़ रुपये का कोष बनाएगी। सिडबी दलित इंडियन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री और विभिन्न संस्थानों के संपर्क में रहेगा। सिडबी तथा राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को स्टैंड अप कनेक्ट केंद्रों के रूप में प्राधिकृत किया जाएगा।