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PM मोदी आज वहां गए हैं, जहां जाने पर राजनेता गंवा देते हैं सत्ता

पूर्वजों ने नदियों की सेवा की, हम सब उसका लाभ उठा रहे हैं: अमरकंटक में मोदी

भोपाल/जबलपुर। नरेंद्र मोदी सोमवार को अमरकंटक में नर्मदा यात्रा के समापन में पहुंचे। अनूपपुर पहुंचे मोदी ने सबसे पहले घाटों और मंदिरों में गए। उन्होंने मां नर्मदा की पूजा भी की। मोदी ने कहा, “पूर्वजों ने जिस तरह नदियों की सेवा की है, उसका लाभ हम सबको मिल रहा है।” इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह ने मां नर्मदा, दिव्य धव्ज और कलश की पूजा कर देश-प्रदेश के लिए मंगल कामना की। बता दें कि 11 दिसंबर 2016 को अमरकंटक से शुरू हुई ये नर्मदा यात्रा 148 दिन चली और 3300 किमी की दूरी तय की।
मोदी ने कहा, “नर्मदा सेवा यात्रियों का पुण्य देश के काम आए। मां नर्मदा ने हमें जीवन दिया है, हमारे पूर्वजों की इसकी रक्षा की है, लेकिन हमने इसकी रक्षा नहीं की। हमारे पूर्वजों ने जो नदियों की सेवा की, उसका लाभ आज हम सब उठा रहे हैं। मां नर्मदा के किनारे जो पेड़ लगाएंग, ये आने वाली पीढ़ियों की सेवा होगी। 25 लाख से ज्यादा लोगों ने मां नर्मदा के संरक्षण का संकल्प लिया है। जन भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति होती है।
मां नर्मदा की स्वच्छता के एक-एक शब्द को अक्षरशः ज़मीन पर उतारेंगे। नदियों के संरक्षण व संवर्धन के अध्ययन के लिए विवि में अलग से विभाग खोले जाएंगे। नर्मदा को बचाने के लिए यूकेलिप्टस हटाएंगे। एक हटाकर 5 अन्य पेड़ लगाएंगे। मां नर्मदा के तट पर लगाए गए पेड़ों की रक्षा वृक्षरक्षक करेंगे। नर्मदा जी के दोनों तट पर एक दिन में 6 करोड़ पौधे लगाएंगे। लाखों लाख लोगों ने नर्मदा सेवा यात्रा में संकल्प ले लिया कि हम नशा नहीं करेंगे। अमरकंटक में पीएम के आने से हमारे संकल्प को नई ताकत, नया उत्साह मिला है। स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, “सब बहुत भाग्यवान हैं। हम सबको ऐसी सरकार मिली है, जो सर्वथा अनुकूल है। प्रदेश के जननायक, विभूति शिवराज सिंह ने बड़ा अनुष्ठान सिद्ध किया है।
4 हजार जवानों की तैनाती
पूरे प्रोग्राम के लिए पिछले एक महीने से जोरदार तैयारी की जा रही थी। सिक्युरिटी के लिए चार हजार पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। करीब पूरी प्रदेश सरकार प्रोग्राम में मौजूद रही। विधायकों को भी लोगों को लाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
बैंड-टेंट पर 5 करोड़
दिल्ली से इंडियन ओसीन बैंड बुलाया गया। नर्मदा यात्रा के कई आयोजनों का जिम्मा इसी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पास था। 6 लाख वर्गफीट से ज्यादा के इलाके पर टेंट लगाया गया। पाइपलाइनें बिछाई गई थीं। 20 से अधिक एलईडी स्क्रीन लगाई गई थीं। इन पर करीब पांच करोड़ रुपए खर्च हुए। निमाड़ के लोगों को तीन बार भोजन का जिम्मा विधायक व मंत्रियों को सौंपा गया था। कई जगह दो बार भोजन कराया गया। जिला-जनपद पंचायत वालों को इन्हें लाने का जिम्मा दिया गया। इस पर 7 करोड़ रुपए खर्च हुए।
ट्रांसपोर्टेशन पर 8 करोड़ खर्च
जबलपुर, डिंडोरी, मंडला, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, सीधी, रीवा, सतना से लोगों को अमरकंटक पहुंचाने के लिए 5300 से ज्यादा बसें लगाई गई थीं। पूरे प्रदेश से बसें भेजी गईं। ट्रांसपोर्टेशन पर करीब 8 करोड़ रुपए का खर्च आया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमामि देवी नर्मदे यात्रा के समापन में शामिल होने अमरकंटक पहुचे है. मोदी के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं और प्रदेश से हजारों लोग अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तय कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब सीधे हेलिकॉप्टर से अमरकंटक उतरने की बजाए डिंडौरी जिले में उतरेंगे.

वहां से वे सड़क मार्ग से अमरकंटक जाएंगे. यहां गौर करने वाली बात यह है कि अमरकंटक को लेकर राजनेताओं के बीच एक मिथक है. ऐसे में सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या डिजिटल इंडिया की बात करने वाली प्रधानमंत्री मोदी भी इस मिथक के फेर में फंसकर अपनी यात्रा के रूट में परिवर्तन कराया है?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि जिस राजनेता ने भी नर्मदा नदी को लांघा है, उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है. अमरकंटक के बारे में मिथक है कि नर्मदा के उद्गम स्थल के आठ किमी के दायरे में जो भी हेलिकॉप्टर से आया, उसने सत्ता गंवाई. इलाके में चर्चा है कि इसी मिथक के चलते पीएम मोदी के लिए डिंडोरी जिले में अमरकंटक से आठ किमी की दूरी पर हेलीपेड बनाया गया है.

भारतीय राजनीति के इतिहास पर नजर डालें तो सत्ता गंवाने वालों में ये हैं वे 5 राजनेता जिन्होंने गंवाई कुर्सी

  • पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1982 में हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आई थीं. उसके बाद उनकी 1984 में हत्या हो गई.
  • पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमरकंटक हेलिकॉप्टर से आए, लेकिन उसके बाद उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी.
  • एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा बाबरी मस्जिद ध्वंस से पहले हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी.
  • एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए हेलिकॉप्टर से अमरकंटक आए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनानी पड़ी.
  • मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सीएम रहते हुए 2004 में हेलिकॉप्टर से आई थीं. उसके बाद इन्हें भी कुर्सी गंवानी पड़ी. इसके बाद उमा भारती हमेशा सड़क मार्ग से अमरकंटक जाती हैं.

मालूम हो कि आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से नई दिल्ली से दोपहर 12.25 बजे जबलपुर के डुमना विमानतल पहुंचेंगे. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनकी अगवानी करेंगे. प्रधानमंत्री जबलपुर से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर 1.35 बजे अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंचेंगे और दोपहर दो बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे. वहां नर्मदा की पूजा-अर्चना करने के बाद दोपहर 2.15 बजे से 3.30 की अवधि में ‘नमामि देवी नर्मदे’ सेवा यात्रा के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी सायं चार बजे हेलीकॉप्टर से प्रस्थान करेंगे और सायं 5.05 बजे जबलपुर विमानतल पहुंचेंगे. यहां से सायं 5.10 बजे वह नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे. उनके आगमन को लेकर अमरकंटक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं. नर्मदा नदी के किनारों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.