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श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस पर भागवताचार्य ने माखन चोरी और गोवर्धन कथा का किया वर्णन

वाजिदपुर अयोध्या- ग्राम धमौरा,जखौली,मियाँ का पुरवा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के आज चतुर्थ दिवस पर कथा प्रवक्ता पूज्य बाल आलोकानन्द व्यास जी ने गोवर्धन कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।इसके बाद भागवताचार्य ने श्रीकृष्ण भगवान के माखन चोरी की कथा सुनाई। कथा सुनकर प्रभु भक्त भाव विभोर हो गए। व्यास जी ने श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। सब बैठकर पहले योजना बनाते किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है।श्रीकृष्ण माखन लेकर बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे। भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने में आनंद आता है। माखन चोरी की लीला का बखान करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल रूप का सुंदर प्रकार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण बचपन में नटखट थे।इस मौके पर उन्होंने सुंदर भजनों की प्रस्तुति देते हुए श्रोताओं को नाचने पर विवश कर दिया।