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राम नवमी के दिन ममता के धरने को भाजपा ने बनाया बड़ा मुद्दा, कहा-ऐसे शुभ दिन पर ऐसा करना दुर्भाग्यपूर्ण है

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भाजपा जबरदस्त तरीके से हमलावर रही है। आज एक बार फिर से ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि 30 मार्च को ‘राम नवमी’ का महापर्व है, उस दिन पूरा देश, सनातन संस्कृति को मानने वाला हर नागरिक ‘राम नवमी’ का त्योहार मनाता है। उन्होंने कहा कि उस दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने छुट्टी भी नहीं दी और धरना प्रदर्शन घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे शुभ दिन पर ऐसा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सब गढ़ा गया है। राज्य में अन्य पहलुओं के साथ-साथ आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।

भाजपा नेता ने कहा कि अभी बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा दो करोड़ पहुंच गया है। अवैध घुसपैठियों की संख्या वर्ष 2011 में 5 लाख के आस-पास थी, आज अवैध घुसपैठियों की संख्या में 9 गुना वृद्धि हो चुकी है और ये आंकड़ा 45 लाख पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले देश के हर प्रांत में परिवारवाद, जात-पात और तुष्टिकरण के मुद्दे पर चुनाव होता था। आज हर राज्य से ये मुद्दे खत्म हो चुके हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लेकिन पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में आज भी तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार जारी है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पिछले 10 सालों में फर्जी जॉब कार्ड के मामले में केंद्र सरकार से हजारों करोड़ रुपये ले चुका है। राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं। बड़ा घोटाला है।

भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चल रहे मुद्दे पूरे देश के सामने स्पष्ट हैं। विशेष रूप से, पीएम मोदी जी की सरकार की कल्याणकारी नीतियां किसी भी मायने में भेदभावपूर्ण नहीं हैं, और वे समान रूप से पश्चिम बंगाल के लिए भी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार धर्म या जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करती है और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मिशन के साथ आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल सिर्फ नीतियों का नाम बदल देता है, इनमें एक पैसा भी योगदान नहीं देता है और श्रेय हड़प लेता है। यह टीएमसी का स्वभाव रहा है। यह दुर्भाग्य की बात है।