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ओमप्रकाश चौटाला को सजा आज: कोर्ट से उम्र एवं दिव्यांगता के आधार पर सजा में रियायत देने की मांग

नई दिल्ली दिल्ली की एक अदालत आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दी जाने वाली सजा पर आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने गुरुवार को सीबीआई के वकीलों और ओम प्रकाश चौटाला की दलीलें सुनीं, जिन्हें 1993 से 2006 तक आय से अधिक संपत्ति हासिल करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। ओम प्रकाश चौटाला ने अदालत से चिकित्सा बीमारियों और बुढ़ापे का हवाला देते हुए उन्हें न्यूनतम सजा देने का आग्रह किया।

अदालत में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उम्र एवं दिव्यांगता के आधार पर सजा में रियायत देने की हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की दलील का सीबीआई ने विरोध किया। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढल की अदालत में सजा पर बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि दोषी को उम्र नहीं कानून के आधार पर अपराध की सजा दी जाए।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अंतिम जिरह के लिए सुनवाई शुक्रवार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत शुक्रवार को जिरह के बाद अपना निर्णय सुना सकती है। मालूम हो कि मामले में लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 21 मई को चौटाला को दोषी करार दिया था। अब सजा को लेकर बहस की जा रही है।

रियायत से जनता में जाएगा गलत संदेश : सीबीआई
सीबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अजय गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं की जा सकती है। भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है और देश में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि लोगों के लिए यह सबक बने। गुप्ता ने कहा कि चौटाला एक प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। रियायत देने से जनता में गलत संदेश जाएगा। अदालत को मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतनी चाहिए।

जेल में अच्छा रहा व्यवहार, सजा में दी जाए रियायत : बचाव पक्ष
अदालत में चौटाला की ओर से पेश हुए अधिवक्ता हर्ष कुमार शर्मा ने दलील दी कि चौटाला वर्ष 1993-2006 के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के दोषी ठहराए गए हैं। चौटाला का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है और वे 90 प्रतिशत दिव्यांग हैं। वह अपने कपड़े भी खुद नहीं पहन पाते हैं। चौटाला ने हमेशा जांच में सहयोग किया है। शिक्षक भर्ती मामले में सजा काटने के दौरान जेल में उनका व्यवहार अच्छा रहा। उन्होंने जेल में ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। ऐसे में सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी सजा में रियायत दी जाए।

क्या है मामला
वर्ष 1993 और 2006 के बीच सात बार के विधायक रहे चौटाला ने आय से दोगुनी संपत्ति अर्जित की थी। इस मामले में साल 2006 में मुकदमा दर्ज किया गया था। वर्ष 2019 में ईडी ने धनशोधन अधिनियम के तहत नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में उनके फ्लैट और भूखंडों सहित 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी। मुकदमा दर्ज किया था।