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NIA ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में दायर की चार्जशीट, साध्वी प्रज्ञा और पुरोहित से मकोका हटाया

pragya-thakurwww.puriduniya.com नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2008 के मालेगांव धमाकों के केस में शुक्रवार को स्पेशल NIA कोर्ट में दूसरी चार्जशीट फाइल कर दी। जानकारी के मुताबिक, इस चार्जशीट में मामले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चिट दी है और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ मकोका (MCOCA) की धाराएं हटा ली गई हैं।

NIA के डीजी शरद कुमार ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ उपयुक्त सबूत न मिलने पर MCOCA की धाराएं हटाई गई हैं। NIA को मालेगांव धमाकों के मामले में शुक्रवार को दूसरी पूरक चार्जशीट फाइल करनी थी। कहा जा रहा था कि NIA इसे फाइल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगेगी। गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी NIA के चार्जशीट फाइल करने से कुछ समय पहले कहा था कि NIA और समय मांगेगी। हालांकि, NIA ने समय पर चार्जशीट फाइल कर दी।

साध्वी प्रज्ञा सिंह के डिफेंस लॉयर संजीव पुनालेकर ने कहा है कि प्रज्ञा, प्रवीण और 2 अन्य को मालेगांव धमाकों के केस में आरोपमुक्त कर दिया गया है। उम्मीद है कि फिलहाल जेल में बंद प्रज्ञा जल्द रिहा हो जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले की जांच करने महाराष्ट्र के पूर्व ATS प्रमुख हेमंत करकरे ने जांच में गड़बड़ की थी। हेमंत करकरे मुंबई में हुए 26/11 के हमलों में मारे गए थे। चार्जशीट में दूसरे प्रमुख आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ सबूत गलत थे और गवाहों के बयान दबाव में लिए गए थे। हालांकि, NIA की चार्जशीट में पुरोहित मुख्य आरोपी बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक चार्जशीट में कहा गया है कि ATS ने 2008 में पुरोहित की गिरफ्तारी के वक्त उसके घर पर आरडीएक्स रखा था। कहा जा रहा है कि एनआईए अधिकारियों ने इस बात का सबूत होने का दावा भी किया है।
NIA ने पिछले महीने कहा था कि इन धमाकों में प्रज्ञा का हाथ होने के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले थे। 2008 में हुए 2 धमाकों में 7 लोगों की मौत हुई थी और केस में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। धमाकों के लिए जिस मोटरसाइकल का इस्तेमाल हुआ, वह प्रज्ञा के नाम पर थी। हालांकि, बाद में पता चला था कि दो साल से उसे कोई और इस्तेमाल कर रहा था। इस केस की जांच के बाद की चार्जशीट में हिंदू संगठन के सदस्यों को आरोपी बनाए जाने के बाद समझौता एक्सप्रेस धमाके समेत कई केसों की जांच भी बदल गई थी। समझौता एक्सप्रेस धमाके में 68 लोग मारे गए थे।

इससे पहले NIA की स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रोहिणी सालियान ने आरोप लगाया था कि 2014 में NDA सरकार के सत्ता में आने के बाद NIA ने उनसे इस मामले को लेकर नर्म रुख अपनाने को कहा था। इसके बाद से यह मामला काफी सुर्खियों में आ गया था। ताजा मामले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है, ‘हमें पता है कि केंद्र सरकार मालेगांव धमाकों के आरोपियों को बचाना चाहती है, क्योंकि सरकार के आरोपियों से संबंध हैं, पर सरकार शहीद करकरे का नाम खराब न करे।’