Breaking News

किरीट सोमैया का दावा : मुंबई पुलिस ने उद्धव ठाकरे और पुलिस कमिश्नर के दबाव में मेरे नाम लिखी झूठी एफआईआर

मुंबई महाराष्ट्र के भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दावा किया है कि मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे के आदेश के कारण मेरी एफआईआर नहीं लिखी गई। पांडे एक-डेढ़ माह में शिवसेना में शामिल होने वाले हैं।

सोमैया ने कहा कि कमिश्नर पांडे ने एक पुलिस अधिकारी को मेरी एफआईआर दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया था। पूर्व सांसद सोमैया ने कहा कि रिपोर्ट नहीं लिखने की शिकायत लेकर वे राज्यपाल से मिलेंगे और जरूरी हुआ तो हाईकोर्ट की शरण लेंगे। इससे पहले सोमैया ने मंगलवार को दावा किया था कि उनकी ओर से फर्जी एफआईआर लिखी गई है, उस पर उनके दस्तखत भी नहीं हैं। मुंबई पुलिस इस फर्जी एफआईआर को प्रसारित कर रही है।

भाजपा नेता सोमैया मंगलवार को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन पहुंचे थे, वहां भी उनकी शिकायत नहीं दर्ज की गई। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था, 23 अप्रैल को उनके ऊपर हुए हमले के बाद बांद्रा पुलिस स्टेशन पर भी उनकी एफआईआर नहीं दर्ज की गई थी। बांद्रा थाने की जो एफआईआर पुलिस दिखा रही है, वह फर्जी है। उस एफआईआर पर उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उस पर उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।
दबाव में दर्ज की गई झूठी एफआईआर
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि मुंबई पुलिस ने उद्धव ठाकरे और पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के दबाव में मेरे नाम एक झूठी एफआईआर दर्ज कर दी है। उस एफआईआर में पुलिस ने लिखा है कि किरीट सोमैया ने ऐसा कहा कि मेरी गाड़ी पर सिर्फ एक पत्थर आया जबकि 70-80 शिवसैनिकों ने मुझ पर हमला किया।
अब तक चार लोगों की हुई गिरफ्तारी
सोमैया पर हमले के मामले में मुंबई के पूर्व मेयर विश्वनाथ महादेश्वर समेत चार लोगों को सोमवार को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि महादेश्वर को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिल गई।
शनिवार को हनुमान चालीसा को लेकर हुआ था बवाल
दरअसल मुंबई में गत शनिवार को हनुमान चालीसा को लेकर हुए बवाल के दौरान सोमैया पर हमला हुआ था। इसी दौरान निर्दलीय सांसद नवनीत और निर्दलीय विधायक रवि राणा के घर पर व शिवसेना मुख्यालय ‘मातोश्री’ के बाहर प्रदर्शन हुए थे। मामले में राणा दंपती को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। दोनों को अभी जमानत नहीं मिली है। अब 29 अप्रैल को उनकी जमानत पर मुंबई की सेशंस कोर्ट में सुनवाई होगी। राणा दंपती पर आईपीसी की धारा 15A और 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज है। सबसे बड़ी धारा 124A यानी राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है।