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JNU ने रद्द की सुब्रमण्यम स्वामी की ‘अयोध्या में राम मंदिर’ पर चर्चा, हुए नाराज

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में ”अयोध्या में राम मंदिर क्यो?’ इस मुद्दे पर बहस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में डॉ. सुब्रमण्यन स्वामी हिस्सा लेने वाले थे. बाबरी मस्जिद विध्वंस की 25वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. यह कार्यक्रम बुधवार रात कोएना हॉस्टल में 9:30 बजे होना था.

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम को रद्द किए जाने को लेकर सुब्रमण्यन स्वामी ने बयान दिया है. सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि मैंने जेएनयू में लेक्चर देने के लिए कोई आवेदन नहीं किया था.  सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि मेरा लेक्चर क्यों कैंसिल किया गया, उसका जवाब वही लोग दे सकते हैं. हालांकि कार्यक्रम रद्द होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि वामपंथी लोग हमें इनटॉलेरेंस का पाठ पढ़ाते थे, अब उनको जवाब देना चाहिए.

 आपको बता दें कि जेएनयू के कोएना हॉस्टल के सीनियर वार्डन ने इस कार्यक्रम को रद्द करने के संबंध में लेटर जारी किया था. हालांकि जेएनयू में  भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस और बाबरी मस्जिद विध्वंस की 25वीं सालगिरह के मौके पर एक और कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की तरफ से साबरमती मेस में आयोजित इस कार्यक्रम में लेफ्ट नेता प्रकाश करात और AIPWA की सचिव कविता कृष्णन हिस्सा लेने वाली थीं.

 इससे पहले जेएनयू के कोएना हॉस्टल के सीनियर वार्डन ने एक लेटर के जरिए कार्यक्रम के आयोजकों को बताया कि प्रशासन ने कोयना हॉस्टल में यह चर्चा कार्यक्रम न करने का फैसला लिया है. आज रात 9:30 बजे होने वाला डॉ. स्वामी का कार्यक्रम रद्द किया जाता है.

वहीं स्वामी ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में दिए गए कपिल सिब्बल के तर्क को हास्यास्पद बताया. स्वामी ने कहा कि इसीलिए कोर्ट ने उसे रिजेक्ट कर दिया. स्वामी के अनुसार कपिल सिब्बल तो गौ मांस की फैक्ट्री भी चला सकते हैं और यह भी कह सकते हैं कि 2G में कोई नुकसान नहीं हुआ. वह कोई भी हास्यास्पद बात कह सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी का रुख साफ कर दिया है. वहीं श्री श्री रविशंकर के बारे में स्वामी ने कहा कि वह जो बात कह रहे हैं, बातचीत से रास्ता निकालने का उसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता. मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि सुप्रीम कोर्ट में 3 महीने से ज्यादा बहस नहीं चलेगी.

आपको बता दें कि बताते चलें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस को आज 25 साल पूरे हो गए हैं. उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराने की बरसी के मद्देनजर बुधवार को पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर निर्णायक सुनवाई शुरू हुई है. इस दौरान सुन्नी बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने उनका पक्ष रखा था.

वकील कपिल सिब्बल ने इस केस की सुनवाई को 2019 तक टालने की बात कही, लेकिन SC ने इस दलील को मानने से इंकार कर दिया है. अगली सुनवाई 8 फरवरी, 2018 को होगी. कोर्ट ने सभी से पूरी तैयारी से आने का निर्देश दिया है.