नई दिल्ली। जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के बाद विवाद जारी है। मंगलवार तड़के डीयू के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को अरेस्ट कर लिया गया। उस पर प्रेस क्लब में अफजल के सपोर्ट में प्रोग्राम करने का आरोप है। इस बीच, पटियाला कोर्ट में पिटाई के खिलाफ 200 से ज्यादा पत्रकार विरोध में उतरे हैं।
– दिल्ली पुलिस के एक अफसर के मुताबिक, गिलानी से सोमवार रात पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में पूछताछ शुरू की गई थी।
– 9 फरवरी को अफजल गुरु के सपोर्ट में प्रोग्राम और वहां नारेबाजी से जुड़े वीडियो सामने आए थे।
– 9 फरवरी को अफजल गुरु के सपोर्ट में प्रोग्राम और वहां नारेबाजी से जुड़े वीडियो सामने आए थे।
– 10 फरवरी को भी अफजल के सपोर्ट में दिल्ली प्रेस क्लब में एक प्रोग्राम के दौरान नारेबाजी हुई थी। वहां मौजूद गिलानी ने अपने सपोर्टर्स को चुप नहीं कराया था।
– अरेस्ट करने के बाद आरएमएल हॉस्पिटल ले जाकर पुलिस ने उसका मेडिकल कराया। दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
– बता दें कि गिलानी पर संसद हमले में शामिल होने का भी आरोप लगा था। हालांकि, सबूतों की कमी के चलते उसे बाद में बरी कर दिया गया था।
– अरेस्ट करने के बाद आरएमएल हॉस्पिटल ले जाकर पुलिस ने उसका मेडिकल कराया। दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
– बता दें कि गिलानी पर संसद हमले में शामिल होने का भी आरोप लगा था। हालांकि, सबूतों की कमी के चलते उसे बाद में बरी कर दिया गया था।
– जेएनयू विवाद पर बातचीत के लिए राजनाथ के पास पहुंचे अरविंद केजरीवाल।
– जेएनयू के बाहर हिंदू संगठनों ने देशद्रोह के खिलाफ किया विरोध।
– पिटाई के खिलाफ पत्रकारों ने प्रेस क्लब से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक निकाला मार्च।
– पत्रकारों पर हमले को लेकर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा,”जांच जारी है, लोगों की पहचान होने के बाद कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।”
– जेएनयू में नारेबाजी विवाद की जांच एनआईए से कराने की पिटीशन दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की।
– बजट सेशन से पहले मंगलवार को बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग में अपोजिशन ने पीएम के सामने जेएनयू का मुद्दा उठाया।
– पटियाला कोर्ट में हंगामे को लेकर दो मामले दर्ज हुए हैं।
– पिटाई के शिकार होने वाले जर्नलिस्ट होम मिनिस्टर राजनाथ से मिलने की तैयारी में। वकीलों पर पिटाई का आरोप।
– आप और कांग्रेस ने बीजेपी एमएलए ओपी शर्मा के गिरफ्तारी की मांग की। बीजेपी नेता पर जेएनयू के स्टूडेंट्स को पीटने का आरोप।
AISF की धमकी- मोदी और उनके मंत्रियों के विरोध में 23 को पार्लियामेंट घेरेंगे
– एआईएसएफ के नेशनल प्रेसिडेंट सैय्यद वली उल्ला खान ने dainikbhaskar.com से बात करते हुए कहा है कि उनका संगठन पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के मंत्रियों का हर जगह विरोध करेगा।
-वली उल्लाह ने कहा कि कन्हैया ने कोई नारेबाजी नहीं की थी। आरोपों में सच्चाई नहीं है।
– उन्होंने बताया कि जिस प्रोग्राम में नारेबाजी की बात कही जा रही है, उसे एआईएसएफ ने ऑर्गनाइज नहीं किया था, और न ही कन्हैया ने उसे ऑर्गनाइज किया था।
– कन्हैया को JNUSU प्रेसिडेंट की हैसियत से प्रोग्राम में बुलाया गया था, इसलिए वह वहां गया था।
– वली उल्ला का कहना है कि यह राजनीति हो रही है और इसका हम उसी भाषा में जवाब देंगे।
– हमारा ऑर्गनाइजेशन पीएम मोदी और उनके मंत्रियों का देश भर में विरोध करेगा।
-18 फरवरी को देशभर में डीएम ऑफिस पर हम प्रोटेस्ट करेंगे।
– 23 फरवरी को पार्लियामेंट का घेराव किया जाएगा, जिसमें एआईएसएफ के अलावा एसएफआई, आईसा, एएसए सहित सभी लेफ्ट पार्टियां शामिल होंगी।
-वली उल्लाह ने कहा कि कन्हैया ने कोई नारेबाजी नहीं की थी। आरोपों में सच्चाई नहीं है।
– उन्होंने बताया कि जिस प्रोग्राम में नारेबाजी की बात कही जा रही है, उसे एआईएसएफ ने ऑर्गनाइज नहीं किया था, और न ही कन्हैया ने उसे ऑर्गनाइज किया था।
– कन्हैया को JNUSU प्रेसिडेंट की हैसियत से प्रोग्राम में बुलाया गया था, इसलिए वह वहां गया था।
– वली उल्ला का कहना है कि यह राजनीति हो रही है और इसका हम उसी भाषा में जवाब देंगे।
– हमारा ऑर्गनाइजेशन पीएम मोदी और उनके मंत्रियों का देश भर में विरोध करेगा।
-18 फरवरी को देशभर में डीएम ऑफिस पर हम प्रोटेस्ट करेंगे।
– 23 फरवरी को पार्लियामेंट का घेराव किया जाएगा, जिसमें एआईएसएफ के अलावा एसएफआई, आईसा, एएसए सहित सभी लेफ्ट पार्टियां शामिल होंगी।
अमित शाह ने राहुल गांधी से पूछा- क्या देश का एक और बंटवारा चाहते हैं?
– ”कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तो इस हताशा में देश विरोधी और देश हित में अंतर तक नहीं समझ पा रहे हैं। जेएनयू में जो कुछ भी हुआ, उसे कहीं से भी देश हित में नहीं माना जा सकता है।”
– ”देश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगे। आतंकवादियों की खुली हिमायत हो, इसे कोई भी नागरिक स्वीकार नहीं कर सकता।”
– ”कांग्रेस उपाध्यक्ष और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने जेएनयू जाकर जो बयान दिए हैं, उससे एक बार फिर साबित हो गया है कि उनकी सोच में राष्ट्रहित जैसी भावना का कोई स्थान नहीं है।”
– ”कांग्रेस उपाध्यक्ष और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने जेएनयू जाकर जो बयान दिए हैं, उससे एक बार फिर साबित हो गया है कि उनकी सोच में राष्ट्रहित जैसी भावना का कोई स्थान नहीं है।”
– ”मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इन नारों का समर्थन करके क्या उन्होंने देश की अलगाववादी शक्तियों से हाथ मिला लिया है ? क्या वह स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति की आड़ में देश में अलगाववादियों को छूट देकर देश का एक और बंटवारा करवाना चाहते हैं?”
राहुल ने कहा- देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांट रही है आरएसएस
– असम दौरे पर गए राहुल गांधी ने एक बार फिर जेएनयू विवाद पर बयान दिया है।
– सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया, ”आरएसएस ने देशभक्ति के सर्टिफिकेट की दुकान खोल रखी है, यह वही आरएसएस है, जिसने गांधी जी के सीने पर तीन गोलियां मारी थीं।”
9 फरवरी को क्या हुआ था जेएनयू में?
– लेफ्ट स्टूडेंट ग्रुपों ने संसद अटैक के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था।
– इस प्रोग्राम को पहले इजाजत को मिल गई थी। लेकिन एबीवीपी ने इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी के वीसी एम. जगदीश कुमार के पास शिकायत की।
– इसके बाद जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने परमिशन वापस ले ली।
– प्रोग्राम साबरमती हॉस्टल के सामने 9 फरवरी को शाम 5 बजे होना था।
– टेंशन तब बढ़नी शुरू हुई, जब परमिशन कैंसल करने के बावजूद प्रोग्राम हुआ। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया।
– प्रोग्राम होने से नाराज एबीवीपी ने बुधवार को जेएनयू कैम्पस में बंद बुलाया।
– बता दें कि अफजल को 9 फरवरी, 2013 और मकबूल भट को 11 फरवरी, 1984 को फांसी दी गई थी।
– इस प्रोग्राम को पहले इजाजत को मिल गई थी। लेकिन एबीवीपी ने इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी के वीसी एम. जगदीश कुमार के पास शिकायत की।
– इसके बाद जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने परमिशन वापस ले ली।
– प्रोग्राम साबरमती हॉस्टल के सामने 9 फरवरी को शाम 5 बजे होना था।
– टेंशन तब बढ़नी शुरू हुई, जब परमिशन कैंसल करने के बावजूद प्रोग्राम हुआ। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया।
– प्रोग्राम होने से नाराज एबीवीपी ने बुधवार को जेएनयू कैम्पस में बंद बुलाया।
– बता दें कि अफजल को 9 फरवरी, 2013 और मकबूल भट को 11 फरवरी, 1984 को फांसी दी गई थी।