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JNU: अमित शाह ने लिखा ब्लॉग, राहुल से पूछे ये 6 सवाल

amit rahulनई दिल्ली। बीजेपी प्रेजिडेंट अमित शाह भी जेएनयू पर चल रहे बवाल में कूद पड़े हैं। जेएनयू के छात्रों को मिले राहुल गांधी और कांग्रेस के समर्थन पर ऐतराज जताते हुए उन्होंने एक ब्लॉग लिखकर सवाल किया है कि कांग्रेस से लिए क्या यही राष्ट्रभक्ति की नई परिभाषा है।
शाह ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी देशविरोधी और देश हित का फर्क नहीं कर पा रहे हैं। शाह ने लिखा है, ‘जेएनयू में जो कुछ हुआ, उसे कहीं लसे भी देशहित के दायरे में रखकर नहीं देखा जा सकता है। देश की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में देशविरोधी नारे लगें और आतंकियों की खुली हिमायत हो, इसे कोई भी नागरिक स्वीकार नहीं कर सकता।’

शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन नेताओं ने जेएनयू जाकर जो बयान दिए हैं, उससे साबित हो गया है कि इनकी सोच में देशहित जैसी भावना का कोई स्थान नहीं है। अमित शाह ने राहुल गांधी से कुछ सवाल किए हैं।

1- इन नारों का समर्थन करके क्या उन्होंने देश की अलगाववादी शक्तियों से हाँथ मिला लिया है?

2- क्या वह फ्रीडम ऑफ स्पीच की आड़ में देश में अलगाववादीयों को छूट देकर देश का एक और बंटवारा करवाना चाहते हैं?

3- क्या केंद्र सरकार का हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना राष्ट्रहित में होता? क्या आप ऐसे राष्ट्रविरोधियों के समर्थन में धरना देकर देशद्रोही शक्तियों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं?

4- 1975 का आपातकाल क्या उनकी पार्टी के प्रजातांत्रिक मूल्यों को परिभाषित करता है और क्या वह श्रीमती इंदिरा गांधी की मानसिकता को हिटलरी मानसिकता नहीं मानते?

5- हाल में सियाचिन में देश की सीमा के प्रहरी सैनिकों के बलिदान को क्या वह इस तरह की श्रद्धांजली देंगे?

6- 2001 में देश की संसद पर हुए आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरू का महिमा मंडल करने वालों और कश्मीर में अलगाववाद के नारे लगाने वालों को समर्थन देकर राहुल गांधी अपनी किस राष्ट्रभक्ति का परिचय दे रहे हैं?

शाह ने कहा कि सोनिया और राहुल को इन सवालों के जवाब देश की 125 करोड़ आबादी को देने चाहिए और राहुल को इसके लिए देश से मांफी भी मांगनी चाहिए।