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शेयर बाजार में मचा कोहराम, गिरावट के चलते निवेशकों को छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूबे

नई दिल्ली सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत खराब रही और दोनों इंडेक्स भारी गिरावट के साथ खुले। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया यह गिरावट और भी बढ़ती गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के स्तर पर बंद हुआ।

निवेशकों को छह लाख करोड़ का नुकसान
इससे पहले बीएसई का सेंसेक्स 1200 अंक टूटकर खुला था, वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने 16,000 के स्तर के नीचे कारोबार शुरू किया था। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1700 अंक तक टूट गया था। सोमवार को आई गिरावट के कारण एक झटके में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। इससे पहले बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुलकर अंत में जोरदार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ था। बीएसई का सेंसेक्स 1017 अंक फिसलकर 54,303 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई का निफ्टी 276 अंक की कमी के साथ 16,202 के स्तर पर बंद हुआ था।
बाजार में गिरावट के बड़े कारण
1- अमेरिका में महंगाई दर
मई में अमेरिका में महंगाई दर में एक बार फिर इजाफा होने का असर अमेरिकी शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी बढ़ा है। यहां महंगाई दर दिसंबर 1981 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ी है। मुद्रास्फीति दर में इस बढ़ोतरी के बार फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में एक और वृद्धि की संभावना भी बढ़ गई है और इसका असर निवेशकों की धारणाओं पर पड़ा है।

2- अमेरिकी वायदा करोबार में कमजोर
सोमवार की सुबह एस एंड पी 500 जून वायदा 47.75 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 3,851.25 पर आ गया। बीते शुक्रवार को यह पिछले नौवें सप्ताह में 2.9 प्रतिशत गिर गया था। डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुक्रवार को 2.7 प्रतिशत गिर गया था, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 3.5 प्रतिशत गिर गया था। अमेरिकी शेयरों में कमजोरी का असर घरेलू धारणा पर पड़ा है।

3- डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
भारतीय मुद्रा रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती जा रही है। सोमवार को पहली बार रुपया 28 पैसे टूटकर 78 के स्तर को पार कर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला और इसमें गिरावट बढ़ती गई और जल्द ही यह 78.29 के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा घरेलू महंगाई का दबाव भी शेयर बाजार पर नजर आ रहा है।

4- चीन में फिर कोरोना की मार
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने का असर भी बाजारों पर दिखाई दिया है। बता दें कि बीजिंग के सबसे अधिक आबादी वाले जिले चाओयांग में कोरोना के मामले एकाएक बड़ी संख्या में बढ़े हैं और लॉकडाउन जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई है। कोरोना की एक और मार ने विकास की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिसका असर बाजारों पर पड़ रहा है।