Breaking News

ज्ञानवापी मस्जिद मामला: जुमे की नमाज में न लगाए भीड़, इस्तिजा और वजू करके आएं

वाराणसी देशभर में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी विवाद की चर्चा हो रही है और मामला कोर्ट में है। ऐसे में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने नमाजियों से एक बार फिर घर के आसपास की मस्जिदों में ही जुमे की नमाज अदा करने की अपील की है।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने नमाजियों से एक बार फिर घर के आसपास की मस्जिदों में ही जुमे की नमाज अदा करने की अपील की है। संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने अपील की है कि ज्यादा संख्या में ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने न आएं। ज्ञानवापी का मुद्दा इस वक्त मकामी अदालत के साथ-साथ हाईकोर्ट में भी चल रहा है और यहां की मुकामी अदालत ने मस्जिद के वजू खाने और इस्तिजाखाने को सील कर दिया है।

संयुक्त सचिव ने कहा कि इस मसले के हल के लिए हर मुमकि न कोशिश जारी है। अल्लाह करें जल्द ही इस परेशानी का हल निकल आए। कहा कि वजूखाना और इस्तिजाखाना (शौचालय) सील हो जाने से नमाजे पंजगाना में वजू और इस्तिजा की दिक्कत पेश आ रही है। जुमा में नमाजियों की तादाद ज्यादा रहती है। इसलिए दिक्कत ज्यादा होगी।

‘इस्तिजा और वजू करके आएं’
इस मजबूरी की वजह से तमाम लोगों से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद बनारस की जानिब से यह अपील की जाती है कि बहुत बड़ी तादाद में नमाज के लिए आने से परहेज करें। हर बार की तरह इस बार भी जुमा की नमाज अपने अपने मोहल्ले ही में अदा करें। साथ ही जो लोग नमाज ए जुमा के लिए आए, वह इस्तिजा और वजू करके आएं ताकि आप लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो। ज्ञानवापी परिक्षेत्र में पुलिस और पीएसी के जवानों को सुरक्षा के लिए लगाया गया है।
पिछली बार बार अपील के बाद भी उमड़ी थी भीड़
पिछले शुक्रवार को मसाजिद कमेटी की घर के पास की मस्जिद में ही नमाज पढ़ने की अपील के बाद भी भारी संख्या में नमाजी ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने पहुंचे थे। हालत यह हो गई कि नमाज के घंटे भर पहले ही ज्ञानवापी मस्जिद नमाजियों से भर गई और बाहर कतार में खड़े नमाजियों को वापस लौटाना पड़ा। मस्जिद में तकरीबन 15 सौ से अधिक नमाजियों ने नमाज अदा की थी। मैदागिन से गोदौलिया तक का इलाका पूरी तरह से छावनी में तब्दील रहा था।
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में अब 30 को होगी सुनवाई

श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दायर वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर बृहस्पतिवार को जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की अदालत में लंबी बहस चली। वाद को निरस्त करने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने दो घंटे तक दलीलें दीं। दलीलों के बीच जिला जज ने सुनवाई की अगली तारीख 30 मई तय की है।