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GST- लोकसभा आज मध्यरात्रि बैठक में शामिल न होना, कांग्रेस के दोहरे चरित्र का प्रमाण होगा

लखनऊ। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को संसद में विशेष बैठक में जारी करने के लिए बुलाई गई विशेष बैठक का भले ही कई विपक्षी दलों ने बहिष्कार करने या सांकेतिक उपस्थिति दर्ज कराने का फैसला किया है, मगर  कार्यक्रम को भव्य और यादगार बनाने के लिए सरकार ने देश के विभिन्न क्षेत्रों की जानीमानी हस्तियों को निमंत्रण भेजा है। इस मौके पर अभिनेता अमिताभ बच्चन, गायिका लता मंगेशकर, उद्योगपति रतन टाटा के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित नामचीन कानूनविदों को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया है। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित होने वाले इस मेगा शो के लिए सरकार की ओर से सांसदों व वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा करीब 100 लोगों को निमंत्रण भेजा गया है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर विपक्ष की एकता झटका दिया है। कल आधी रात संसद भवन के सेंट्रल हॉल में होने वाले जीएसटी लॉन्च समारोह में नीतीश कुमार खुद शामिल हो सकते हैं।

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि नीतीश कुमार खुद जीएसटी लॉन्च समारोह में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले जेडीयू ने समारोह में जाने का एलान किया था। उस वक्त कहा जा रहा था कि सिर्फ जेडीयू के सांसद ही इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। आपको बता दें कि नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो इसे विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जाएगा।

कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वो जीएसटी लॉन्च को लेकर के शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल में होने वाले कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी। पार्टी के प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बयान जारी करके कहा कि सोच समझकर फैसला लिया है। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यक्रम में भाग लेने पर संशय बना हुआ है।     सरकार जीएसटी लॉन्चिग के लिए 30 जून की आधी रात को एक विशेष सत्र आयोजित कर रही है, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसमें विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। एनडीए सरकार के इस कदम से कांग्रेस दुविधा में पहुंच गई थी। बुधवार तक कांग्रेस पार्टी यह फैसला नहीं ले पा रही है कि वह इस विशेष आयोजन में हिस्सा ले या नहीं।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेताओं का मानना है कि वह प्रमुख विपक्षी दल है इसलिए व्यापारियों के हित में उसे इस आयोजन का बहिष्कार करना चाहिए। यदि कांग्रेस की विचारधारा यही थी तो उन्हें लोकसभा में  इसका विरोध पहले ही कर देना चाहिये था।

30 जून की रात को GST आयोजन में शामिल नहीं होने पर कांग्रेस का देश के सामने दोहरा चरित्र प्रमाणित हो जाएगा। एक और तो सदन में जीएसटी को समर्थन देकर पास कराया और जब जनता में इसकी प्रसंशा होने लगी तो वहिष्कार कर विरोध पर उतर आई। कांग्रेस ने  बैठक में भाग न लेने पर सफाई दी है और उसकी वजहें भी बताई।

कांग्रेस को अधर में ले जाने वाले  वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद,जो काश्मीर को भारत का अधिगृहित क्षेत्र बताता है, ने भारतीय जनता पार्टी पर बेतुका आरोप लगाते हुए कहा कि आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में स्वतंत्र भारत में तीन आयोजन हुए हैं। 1947 में आजादी पर, 1972 में आजादी की रजत जयंती पर और 1997 में आजादी की स्वर्ण जयंती पर। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए GST का मतलब गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स नहीं है। गुरुवार के जश्न से लगता है कि GST से उनका तात्पर्य ग्रैंड सेल्फप्रमोटिंग तमाशा है।

उन्होंने कहा कि दूसरी बार 1972 में आजादी की सिल्वर जुबली के मौके पर सेंट्रल हॉल में जश्न मनाया गया था और तीसरी बार 1997 में आजादी की गोल्डन जुबली के मौके। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि आधी रात को सेंट्रल हॉल में आजादी के जश्न के मौके पर आजतक देश में खुशियां मनाई गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सेंट्रल हॉल में दिन में बहुत सारे फंक्शन हुए हैं।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद के सेंट्रल हाल में आधी रात को आयोजन की अपनी एक गरिमा और महत्व रहा है। मोदी सरकार द्वारा टैक्सेशन कानून की तुलना देश की आजादी से करना आजादी जैसे महत्वपूर्ण आयोजन का अपमान है।

कांग्रेस के यह आरोप बेबुनियाद और उनकी देश के प्रति आस्था न होने के प्रमाण लगता है। प्रायः यह देखा जा रहा है कि देश की एकता,अखंडता और हित की बात हो तो कांग्रेस वहां कोई न कोई तर्क प्रस्तुत कर उसके विरोध में बोलना शुरू कर देती है।इन्ही सब हरकतों की वजह से कांग्रेस देश मे अब एक पिछड़ी पार्टी के रूप में दिखाई देती है। किसी भी पार्टी के सदस्यों को यह अधिकार प्राप्त है कि यदि वे साकार के किसी निणर्य से संतुष्ट न हो तो उसके विरुद्ध सदन की बैठकों में आवाज़ उठाकर अपना विरोध दर्ज करा सकते है।