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ED और IT के हाथ लगे ‘आप’ में करोड़ों के घालमेल के सुराग, होने जा रही बड़ी कार्रवाई

aap89नई दिल्ली। चंदे में करोड़ों के घालमेल को लेकर घिरी आम आदमी पार्टी के खिलाफ जांच में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और आयकर विभाग(आईटी) के हाथ अहम सुराग लगे हैं। बिजनेस घरानों की ओर से चलाई जा रही सेल कंपनियों(छद्म कंपनी जैसी) के दस्तावेज जांच एजेंसियों के हाथ लगे हैं। अब अफसर खाते से खाते, सूत्र से सूत्र और दस्तावेज से दस्तावेजों का लिंक जोड़कर करोड़ों की कईस्तरीय लेन-देन खंगाल रहे हैं। केंद्र से जल्द से जल्द यह जांच पूरी करने का अफसरों पर दबाव है। वित्त मंत्रालय के सूत्र बता रहे हैं कि जांच पूरी होते ही एक्शन पर फैसला होगा। कहा जा रहा कि पंजाब चुनाव से पहले इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। अगर भाजपा सरकार ने ऐसी कार्रवाई की तो पंजाब चुनाव में पार्टी मुखिया केजरीवाल मुसीबत में होंगे।

आम आदमी पार्टी को 2014-15 सत्र में जहां करीब 38 करोड़ रुपये देश के लोगों व विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीयों से मिला। वहीं पार्टी गठन के शुरुआती दौर में भी मिली धनराशि को मिला दें तो 2013-14 और 2014-15 में कुल चंदे की धनराशि 44 करोड़ रुपये के करीब पहुंचती है। आम आदमी पार्टी की वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेज के मुताबिक 2014-15 में पार्टी को 38.71 करोड़ रुपये चंदा मिला।

दरअसल आम आदमी पार्टी ने चंदा लेने में कई तरह की अनियमितताएं बरती हैं। मसलन तमाम दानदाताओं ने पैन कार्ड ही नहीं दिए हैं। ऐसे लोगों की संख्या डेढ़ सौ से ज्यादा बताई जाती है। जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रहीं हैं। खास बात है कि विदेशों में रह रहे जिन भारतीयों से पार्टी ने चंदा लेने का दावा किया है, उनके पासपोर्ट के पते भी संदिग्ध हैं। शिकायत है कि कनाडा, आस्ट्रेलिया के अप्रवासी भारतीयों के पते भ्रमित करने वाले हैं। इससे चंदे में खेल होने की आशंका बलवती हो जाती है।

प्रापर्टी डीलिंग पेशा वाले आम आदमी पार्टी के चार विधायकों की भूमिका इस चंदे के खेल में सामने आ रही। इसमें एक प्रापर्टी डीलर की पत्नी विधायक हैं तो एक विधायक पूर्व में भ्रष्ट अफसर रह चुके हैं। दो अन्य विधायक हैं। चूंकि इन चारों विधायकों के खिलाफ एजेंसियों की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, इस नाते इंडिया संवाद इनके नामों का खुलासा फिलहाल नहीं कर रहा है। जांच एजेंसियों का कहना है कि पार्टी के लिए गलत तरीके से फंड जुटाने में प्रापर्टी डीलिंग पेशे से जुड़े यही चार विधायकों की खास भूमिका है।

आम आदमी पार्टी में चंदे का गोलमाल सेल कंपनियों के जरिए हुआ। सेल कंपनी को छद्म कंपनी भी आप कह सकते हैं। इन कंपनियों की अपनी कोई संपत्ति नहीं होती है। आमतौर पर बिजनेस घरानों की ओर से लेन-देन के लिए ऐसी कंपनियां बनाई जाती हैं। सूत्र बताते हैं कि इन्हीं खास सेल कंपनियों के जरिए पैसा डायवर्ट हुआ। एक राजनैतिक घराने से भी सेल कंपनियों के  जरिए आम आदमी पार्टी को चंदा आया। ईडी ने विदेशों में रह रहे भारतीयों के चंदा देने में गड़बड़ी पकड़ी। भारतीय पासपोर्ट का भी ब्योरा नहीं दिया गया है।

सूत्र कह रहे हैं कि अगले साल पंजाब चुनाव है। अगर चंदे में करोड़ों के गोलमाल के इस मामले में ईडी और आयकर विभाग की जांच पूरी हुई और केंद्र सरकार ने केजरीवाल की पार्टी को निपटाने का प्लान बनाकर एक्शन कराया तो पंजाब चुनाव में पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ेगा तो चुनाव पर भी इसकी काली छाया पड़ सकती है।