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EC के नोटिस पर मुलायम-अखिलेश तैयार, आज ही सौंप सकते हैं समर्थकों सूची

लखनऊ। सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (एसपी) के दोनों गुटों में ‘साइकिल’ पर कब्जे को लेकर जारी लड़ाई में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के साथ चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के लिए आज एक बार फिर दिल्ली रवाना हुए। मुलायम गुट के सूत्रों के मुताबिक सपा मुखिया और शिवपाल अपने साथ विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और सांसदों के हस्ताक्षरित शपथपत्र ले गए हैं।

मुलायम और शिवपाल के दिल्ली रवाना होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर अपने समर्थक विधायकों और अन्य नेताओं से मुलाकात की और उनसे पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा ठोंकने के लिए जरूरी शपथपत्रों पर हस्ताक्षर कराए। चुनाव आयोग ने सपा के दोनों गुटों द्वारा ‘साइकिल’ पर दावे के सिलसिले में दाखिल किये गए दस्तावेजों पर अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आयोग ने दोनों गुटों से अपने-अपने समर्थक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों तथा सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र मांगे हैं, ताकि यह पता लग सके कि किसके पास कितना संख्या बल है। अखिलेश के खेमे के सूत्रों ने बताया कि करीब 100 विधायकों ने पहले ही शपथपत्र पर दस्तखत कर दिए हैं। यह सिलसिला जारी है। पिछले रविवार को हुए सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा के 229 में से 200 से ज्यादा विधायक, बडी संख्या में विधान परिषद सदस्य तथा अन्य पार्टी नेता एवं पदाधिकारी शामिल थे।

अखिलेश के हिमायती माने जाने वाले सपा राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने दावा किया कि ज्यादातर विधायक, विधान परिषद सदस्य तथा सांसद अखिलेश के साथ हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश के प्रतिनिधि भी गुरुवार को ही चुनाव आयोग के दफ्तर जाकर विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और सांसदों के हस्ताक्षरित हलफनामे सौपेंगे।

आपसी गतिरोध के बीच, वरिष्ठ नेता आजम खान की कोशिशों से एसपी के दोनों गुटों में दो दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन वह बेनतीजा रही। इस सबके बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश ने कल पीछे ना हटने का साफ इशारा देते हुए एक कार्यक्रम में कहा ‘हम चुनाव में जा रहे हैं। हम फिर लौटेंगे। कहां नट-बोल्ट लगाना है, कहां हथौड़ा इस्तेमाल करना है, उसे ठीक से इस्तेमाल करेंगे।’

सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही गुट अपनी-अपनी मांगों को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहते। विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाने के बावजूद कोई भी गुट नरमी नहीं दिखा रहा है। दरअसल, अपने पिता की राह से जुदा रास्ते पर चल पड़े अखिलेश सपा संगठन पर अपना वर्चस्व लगातार बढ़ाते दिख रहे हैं।

उनके निर्देश पर आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर और मिर्जापुर के बर्खास्त सपा जिलाध्यक्षों को कल ‘बहाल’ कर दिया गया। गत रविवार को हुए अधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गये शिवपाल यादव ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा ‘असंवैधनिक’ करार दिये गये उस कार्यक्रम में शिरकत करने के आरोप में इन जिलाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया था।