राहुल गांधी की गलतबयानी के चलते वीर सावरकर के सम्मान से जुड़े मुद्दे ने महाराष्ट्र की राजनीति को गर्मा दिया है। रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सावरकर गौरव यात्रा निकाली तो पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एमवीए सरकार गिरने के बाद अपने गठबंधन की पहली रैली को संबोधित करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का कहना है कि सावरकर के बलिदान की अनदेखी नहीं की जा सकती।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी रविवार को अपने गृह नगर ठाणे शहर में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ की अगुवाई की जिसमें हिंदुत्व विचारक दिवंगत सावरकर के सम्मान में सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। भाजपा और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने पिछले महीने घोषणा की थी कि देश में सावरकर के योगदान को सम्मान देने तथा उनके खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना का जवाब देने के लिए महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले में सावरकर गौरव यात्रा निकाली जाएगी।लोगों ने भगवा टोपियां पहनकर यात्रा में भाग लिया जिन पर ‘मी सावरकर’ (मैं सावरकर हूं) तथा अन्य संदेश लिखे थे। उन्होंने ठाणे शहर में राम गणेश गडकरी रंगायतन सभागार में सावरकर को पुष्पांजलि अर्पित की, जहां से यात्रा आरंभ हुई थी। रैली समाप्त होने पर एक सभा को संबोधित करते हुए शिंदे ने सावरकर पर बार-बार हमला करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि स्वतंत्रता सेनानी का अपमान देश का अपमान करने के समान है। उन्होंने कहा कि लोग सावरकर पर हमला कर हिंदुत्व की छवि बिगाड़ने की कोशिश करने के लिए कुछ ताकतों से आक्रोशित हैं।
शिंदे ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि लोग लगातार सावरकर का अपमान करने के लिए कुछ लोगों से नाराज हैं। सावरकर का अपमान प्रत्येक भारतीय का अपमान है। मैं सावरकर के खिलाफ आक्षेप लगाने के लिए राहुल गांधी जैसे लोगों की खुलकर निंदा करता हूं। मैं चुनौती देता हूं कि कोई भी सेलुलर जेल में उसी तरह एक दिन बिताकर दिखाए जैसे सावरकर जेल में रहते थे।’’ उन्होंने नाम लिए बगैर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। शिंदे ने कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे ने ऐसी टिप्पणियों के लिए एक बार मणिशंकर अय्यर का पुतला फूंका था। दुर्भाग्य से बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर दावा जताने वाले कुछ लोग अब उन लोगों (कांग्रेस नेता राहुल गांधी) के साथ बैठ रहे हैं जिन्होंने लगातार सावरकर पर हमला किया है।’’
नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदुत्व को अल्पसंख्यकों के खिलाफ आक्रामकता के रूप में देखा जाता था लेकिन प्रधानमंत्री ने 2014 के बाद इसका गौरव लौटाया। शिंदे ने कहा, ‘‘हिंदुत्व किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। लेकिन कुछ लोग जानबूझकर इसकी गलत व्याख्या करते हैं।’’ शिंदे तथा सत्तारुढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन के कुछ अन्य नेताओं ने एक अस्थायी ‘रथ’ पर सवार होकर यात्रा में भाग लिया। रथ को फूलों से सजाया गया था और उसके पीछे मोटरसाइकिल पर सवार होकर समर्थक चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने शहर के चार विधानसभा क्षेत्रों से गुजरने वाली यात्रा के दौरान नागरिकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। यात्रा में भाग लेने वाले लोगों पर फूलों की बरसात की गयी। इनमें से कई लोग 200 से अधिक मोटरसाइकिल और करीब 100 ऑटो रिक्शा पर सवार होकर यात्रा में शामिल हुए।
भाजपा नेता डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, ठाणे से विधायक संजय केलकर, ठाणे भाजपा प्रमुख और विधान परिषद सदस्य निरंजन देवखरे, पूर्व महापौर नरेश म्हास्के, शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक और सत्तारूढ़ गठबंधन के कई अन्य स्थानीय नेताओं ने यात्रा में भाग लिया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी यात्रा में भाग लिया। भाजपा के एक नेता ने कहा कि मुंबई के कुछ हिस्सों में भी ऐसी ही यात्रा निकाली गयी। गौरतलब है कि राहुल गांधी की ‘‘मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते’’ टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने पिछले महीने कहा था कि उनकी पार्टी सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ निकालेगी।
दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की कोई अनदेखी नहीं कर सकता है, लेकिन उनसे असहमति को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि आज देश के समक्ष कई और ज्वलंत मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। नागपुर के प्रेस क्लब में शरद पवार ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित आवास पर उनसे मिलने भी गए। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने सावरकर के मुद्दे पर राहुल गांधी से बात की है और क्या कांग्रेस नेता दिवंगत हिंदुत्व विचारक की आलोचना में कमी लाएंगे तो पवार ने कहा कि हाल में 18-20 पार्टियां एक साथ बैठीं और देश के समक्ष मौजूद मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सुझाव दूंगा कि इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि जो इस समय सत्ता में हैं वे देश को किस ओर ले जा रहे हैं।’’ पवार ने कहा, ‘‘आज, सावरकर राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी चीज हो गई है। हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत नहीं हैं। मैं हिंदू महासभा के खिलाफ था, लेकिन दूसरा पक्ष भी है। हम सावरकर द्वारा देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की अनदेखी नहीं कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि करीब 32 साल पहले उन्होंने संसद में सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में बात की। पवार ने कहा कि सावरकर ने रत्नागिरी में मकान बनाया था और उसी के सामने छोटे से मंदिर का भी निर्माण कराया था। पवार ने बताया, ‘‘सावरकर ने मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी बाल्मिकी समाज के व्यक्ति को दी थी। मेरा मनाना है कि वह बहुत ही प्रगतिशील बात थी।’’ शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रीय कथानक में सावरकर पर जोर देने की जरूरत नहीं है, खासतौर पर तब जब आम लोगों को चिंतित करने वाले कई बड़े मुद्दे हैं।