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दिग्विजय सिंह ने नागपुर में दशहरा रैली में प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को कसा तंज पूछा-कि क्या तेंदुआ कभी अपना चरित्र बदल सकता है

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने नागपुर में दशहरा रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर बुधवार को आरएसएस को आड़े हाथ लिया और पूछा कि क्या तेंदुआ कभी अपना चरित्र बदल सकता है। दशहरा कार्यक्रम में भागवत की टिप्पणी पर एक मीडिया रिपोर्ट टैग करते हुए सिंह ने ट्वीट कर पूछा कि क्या आरएसएस एक महिला को सरसंघचालक के रूप में नियुक्त करेगा। इस रिपोर्ट के अनुसार, भागवत ने दावा किया कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कई सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘क्या आरएसएस बदल रहा है? क्या कोई तेंदुआ अपना चरित्र बदल सकता है? अगर वे आरएसएस के चरित्र की मूल बातें बदलने के लिए वास्तव में गंभीर हैं, तो मेरे पास मोहन भागवत जी से कुछ सवाल हैं? क्या वे हिंदू राष्ट्र के अपने एजेंडे को छोड़ देंगे?’’ सिंह ने पूछा, ‘‘क्या वे किसी महिला को सरसंघचालक के रूप में नियुक्त करेंगे और क्या अगला सरसंघचालक ‘‘गैर कोंकास्ट/चितपावन/ब्राह्मण’’ होगा?’’ उन्होंने पूछा, ‘‘क्या अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) का व्यक्ति सरसंघचालक के पद के लिए स्वीकार्य होगा? क्या वे आरएसएस से पंजीकृत होंगे? क्या उनके पास आरएसएस की नियमित सदस्यता होगी?’’ सिंह ने यह भी सवाल किया कि क्या आरएसएस अल्पसंख्यकों के लिए अपनी सदस्यता का द्वार खोलेगा।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यदि मेरे सभी प्रश्नों/शंकाओं का उत्तर सकारात्मक रूप से स्पष्ट किया गया तो मुझे आरएसएस से कोई समस्या नहीं होगी। मोहन भागवत जी यदि आप ऐसा कर सकते हैं तो मैं आपका प्रशंसक बन जाऊंगा।’’ रैली के दौरान भागवत ने कहा कि भारत को सभी सामाजिक समूहों पर समान रूप से लागू एक सुविचारित, व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने जनसांख्यिकीय ‘‘असंतुलन’’ के मुद्दे को उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि इससे अल्पसंख्यकों के लिए कोई खतरा नहीं है।