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तेजी से फैल रहा कोरोना?: बीते 24 घंटों में 841 नए मरीजों के साथ, अब कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5,389 हुई

नई दिल्लीदेश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिली है। नए आंकड़े बताते हैं कि समय रहते अगर सावधानी नहीं बरती गई तो आने वाले दिनों में हालात खराब हो सकते हैं। देश में शनिवार को 126 दिन के बाद एक दिन में कोरोना संक्रमण के 800 से अधिक मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 841 नए मरीजों के साथ, अब कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5,389 हो गई है। मतलब देश में अभी पांच हजार 389 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। आइए संक्रमण से जुड़े दस अपडेट्स जानते हैं…

. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार को देश में कोरोना के मामले बढ़कर 4,46,94,349 हो गए हैं।

झारखंड और महाराष्ट्र में कोरोना से एक-एक मरीज की मौत हुई है। केरल में भी दो लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया।
केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है।
देश में रोजाना औसतन कोविड के नए मामले एक महीने में छह गुना बढ़ गए हैं। एक महीने पहले यानी 18 फरवरी को औसत दैनिक नए मामले 112 थे, जबकि आज यानी 18 मार्च को यह 626 पहुंच गया है।

 अब तक हुए संक्रमितों के आंकड़ों से अगर एक्टिव केस निकालें तो यह 0.01 प्रतिशत है। अच्छी बात है कि संक्रमण से ठीक होने वालों का आंकड़ा 98.80 प्रतिशत है।
संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 4,41,58,161 हो गई है। मृत्यु दर 1.19% है।
 अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 220.64 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।
केंद्र सरकार ने छह राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे वायरल संक्रमण में अचानक वृद्धि को नियंत्रित करने पर ध्यान दें। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बुधवार को महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को पत्र लिखकर परीक्षण, उपचार, ट्रैकिंग और टीकाकरण पर जोर देने को कहा।
 राज्यों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। यह संक्रमण के संभावित स्थानीय प्रसार का संकेत दे रहे हैं। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए जोखिम मूल्यांकन-आधारित दृष्टिकोण का पालन करने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कुछ राज्यों में कोविड पॉज़िटिव दर में धीरे-धीरे वृद्धि का संकेत दिया था। उन्होंने इसे चिंताजनक मुद्दा बताते हुए कहा था कि इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।