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CM योगी ने दिखाई सख्ती, गैंगरेप पीड़िता के सामने सेल्फी लेने वाली 3 महिला कांस्टेबल सस्पेंड

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज हॉस्प‍ि‍टल में गैंगरेप और एसिड अटैक पीड़िता के सामने सुरक्षा में तैनात महिला कॉन्स्टेबल द्वारा सेल्फी लेने का मामला सामने आया है. फोटो वायरल होने के बाद तीनों महिला कांस्टेबल्स को शुक्रवार देर रात निलंबित कर दिया गया. पीड़िता पिछले आठ साल से अदालती जंग लड़ रही है. गुरुवार को लखनऊ जाती एक ट्रेन में दो पुरुषों ने उसे पकड़कर जबरदस्ती तेज़ाब पीने के लिए मजबूर कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को महिला से मुलाकात करने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे थे.

मुख्यमंत्री ने महिला के लिए एक लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की, और पुलिस को जल्द से जल्द महिला के आक्रमणकारियों को पकड़ने का भी आदेश दिया. घटना की जानकारी मिलते ही योगी पीड़िता का हालचाल लेने मेडिकल कॉलेज पहुंचे. उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) गोपाल गुप्ता को बुलाकर निर्देश दिया कि आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो. सीएम के निर्देश के बाद अब पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

इस महिला के साथ वर्ष 2008 में रायबरेली में गैंगरेप किया गया था, और उसके पेट पर तेज़ाब फेंका गया था. तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, और जल्द ही मामले की सुनवाई शुरू होने जा रही है. महिला के पति का कहना है कि उनके परिवार को लगातार धमकियां मिलती रही हैं.

महिला तीन दिन पहले अपने बच्चों से मिलने के लिए लखनऊ से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर बसे ऊंचाहार इलाके में गई थी, और गुरुवार को वहां से लौटते समय ट्रेन में उस पर हमला किया गया. महिला के पति ने कहा, “अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री स्वयं आए, लेकिन मैं चाहता हूं कि उन लोगों को गिरफ्तार किया जाए…” महिला की उम्र 45 वर्ष है. वह गुरुवार को इलाहाबाद-लखनऊ गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन से चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरी और पुलिस को लिखित शिकायत दी क्योंकि वह बोल नहीं पा रही थी. महिला पर यह चौथी बार हमला किया गया है.

यह महिला एक ऐसे कैफे में काम करती है, जो तेज़ाब की शिकार महिलाओं को काम पर रखता है. महिला के पति ने कहा, “मैं बहुत गरीब आदमी हूं, लेकिन मैं यह केस इसलिए लड़ता रहा, क्योंकि मुझे अपनी पत्नी पर विश्वास है…”

जिन लोगों ने उसे एसिड पिलाया, उन्होंने ही उस पर संपत्ति विवाद को लेकर 2009 में एसिड हमला किया था. महिला लखनऊ स्थित शिरोज हैंगआउट कैफे में काम करती है जो एसिड हमले की शिकार महिलाओं द्वारा संचालित है. महिला दस मार्च को घर गयी थी क्योंकि उसकी बेटी की दसवीं की परीक्षा थी और गुरुवार को जब वापस लखनऊ लौट रही थी, जब उक्त घटना हुई.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला पर 2012 में चाकू से हमला किया गया था. उसके बाद 2013 में उस पर एसिड हमला हुआ. मीडिया की खबरों के बाद मुख्यमंत्री पीड़िता से मिले, उसकी सुरक्षा का निर्देश दिया और उसकी मदद के लिए एक लाख रुपये की राशि देने का ऐलान किया. महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी पीड़िता से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. इस बीच पुलिस महानिरीक्षक (लखनऊ जोन) ए सतीश गणेश ने उन तीन ‘संवेदनहीन’ महिला कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है, जो अस्पताल में पीड़िता के बिस्तर के निकट ‘सेल्फी’ लेने में मशगूल थीं. महिला कांस्टेबलों के सेल्फी लेने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. गणेश ने इसी के आधार पर तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया.