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CCTV में कैद प्रद्युम्न की मौत का मंजर, रेंगते हुए टॉयलेट के बाहर आया था मासूम

गुरुग्राम। प्रद्युम्न मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने के लिए एसआईटी ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में लेकर उसकी जांच की. जिसमें टॉयलेट के बाहर लगे एक कैमरे में उस मासूम की मौत का मंजर कैद है. फुटेज में खून से सना मासूम प्रद्युम्न टॉयलेट के बाहर फर्श पर रेंगते हुए दिख रहा है.

रेयान इंटरनेशनल स्कूल के सभी कैमरों की फुटेज को पुलिस ने जांच के लिए कब्जे में ले लिया था. सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, रेयान इंटरनेशनल स्कूल की वो बस शुक्रवार की सुबह 7.40 पर स्कूल पहुंच गई थी, जिसमें कंडक्टर अशोक कुमार मौजूद था.

जब सभी बच्चे बस से उतरकर अपनी कक्षाओं में चले गए तो ड्राइवर परिसर के अंदर बस को पार्क करने के लिए आगे बढ़ता है. ठीक उसी समय, कंडक्टर अशोक स्कूल के मेनगेट से अंदर दाखिल होता है और सीधे उस टॉयलेट की तरफ बढ़ जाता है, जहां सात साल के मासूम छात्र का कत्ल किया गया था.

सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक सुबह 7.55 पर प्रद्युम्न स्कूल आता है. उसके पिता वरुण उसे और उसकी बहन को स्कूल के मेनगेट पर छोड़कर जाते हैं. ये वही मेनगेट है, जिससे कंडक्टर अशोक कुछ मिनट पहले स्कूल में दाखिल हुआ था. प्रद्युम्न की बहन अपनी कक्षा में चली जाती है जबकि प्रद्युम्न वॉशरूम में जाता है.

टॉयलेट के पास लगे एक कैमरे की सीसीटीवी फुटेज में दिखाता है कि कंडक्टर अशोक और प्रद्युम्न एक के बाद एक करके टॉयलेट में दाखिल होते हैं. 7.55 और 8.10 के बीच में अशोक को बाथरूम से बाहर आते हुए देखा जा सकता है. इस दौरान फुटेज में गौर करने वाली बात ये है कि 7.55 से 8.10 के बीच कोई तीसरा शख्स टॉयलेट में जाता हुआ नहीं दिखता.

टॉयलेट से अशोक के बाहर चले जाने के कुछ पल बाद ही प्रद्युम्न एक हाथ से अपने गले को पकड़ कर बाहर की तरफ रेंगता हुआ दिखाई पड़ता है. फुटेज के मुताबिक इसके बाद वहां पहुंचने वाला पहला शख्स स्कूल माली होता है. जो टॉयलेट के बाहर फर्श पर पड़े खून से सने बच्चे को देखकर शोर मचाता है.

उसकी आवाज सुनकर पास की कक्षाओं के कुछ टीचर निकलकर बाहर आते हैं, और खून से सने प्रद्युम्न के आस-पास जमा हो जाते हैं. इस हंगामे के बीच कंडक्टर अशोक दोबारा फुटेज में दिखने लगता है. वो आदमी प्रद्युम्न को उठाते हुए दिखता है, और फिर वो उसे एक टीचर की कार में डालते हुए दिखाई देता है.

उसके बाद सात वर्षीय मासूम प्रद्युम्न को टीचर की कार से पास के एक अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने वहां उसे मृत घोषित कर दिया था.