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बृजलाल खाबरी बने यू0पी0 कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष, कहा-कांग्रेस धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करती

लखनऊ यूपी कांग्रेस के नए अध्यक्ष की घोषणा हो गई है। बृजलाल खाबरी उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष होंगे। उनके साथ ही नकुल दुबे, वीरेंद्र चौधरी, अनिल यादव, योगेश दीक्षित, अजय राय व नसीमुद्दीन सिद्दीकी को प्रांतीय अध्यक्ष बनाया गया है।

यूपी विधानसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम आने के बाद अजय कुमार लल्लू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके करीब छह महीने बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी यूपी की प्रभारी रह चुकी हैं लेकिन उनकी लगातार सक्रियता के बावजूद कांग्रेस को प्रदेश में सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिली है।

प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने की घोषणा पर बृजलाल खाबरी ने कहा कि मैं इस भूमिका के लिए तैयार हूं। कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलती है। हम धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते। दलित प्रदेश अध्यक्ष होने पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने आज की जरूरत को ध्यान में रखकर निर्णय लिया है। प्रदेश में कांग्रेस को लेकर चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक हालात बदलते रहते हैं। पहले हम सत्ता में थे। अब नहीं हैं। ये लड़ाई देश और संविधान बचाने की है और हम सभी को साथ लेकर चलेंगे।

कांग्रेस ने एक तरफ बृजलाल खाबरी को अध्यक्ष बनाकर दलित समाज को मैसेज दिया है। वहीं, प्रांतीय अध्यक्षों में दो ब्राह्मण, एक मुस्लिम, एक भूमिहार और पिछड़ी जाति से दो प्रांतीय अध्यक्ष बनाए हैं। बताया जा रहा है कि घोषित पदाधिकारियों को जातीय आधार पर कार्यक्षेत्र दिए जाएंगे। पूर्वांचल में वीरेंद्र चौधरी, प्रयाग में अजय राय, अवध में नकुल दुबे, ब्रज में यादवलैंड से आने वाले अनिल यादव और बुंदेलखंड में योगेश दीक्षित को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

बृजलाल खाबरी का राजनीतिक सफर
बृजलाल खाबरी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत बसपा से की थी। कुछ ही समय में उनकी गिनती बुंदेलखंड बसपा के कद्दावर नेताओं में होने लगी। वह 1999 में जालौन-गरौठा सीट से जीत हासिल कर लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। बसपा के टिकट पर ही वह 2004 का भी चुनाव लड़े पर हार गए। 2008 में वह बसपा से राज्यसभा सदस्य बनें। 2014 के चुनाव में भी उन्हें हार मिली। 2016 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में वह ललितपुर की महरौनी सीट से चुनाव लड़े पर हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जालौन-गरौठा सीट से चुनाव लड़े। 2022 के विधानसभा चुनाव में महरौनी से विधानसभा चुनाव लड़े दोनों ही बार उन्हें हार मिली।