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BMC चुनाव में किसी को बहुमत नहीं, शिवसेना और बीजेपी को मिलाना होगा ‘हाथ’

मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव के लिए राहें अलग करने वाली शिवसेना और बीजेपी ऐसे मोड़ पर पहुंच गई हैं, जहां एक-दूसरे के साथ के बिना उनके लिए निगम पर काबिज होना मुश्किल होगा। दोनों को नगर निगम पर काबिज होने के लिए या तो आपस में या फिर अपनी कट्टर विरोधी कांग्रेस से हाथ मिलाना होगा। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।

नगर निगम की 227 में से 225 सीटों के नतीजों में शिवसेना ने 84 और बीजेपी ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीजेपी का मुंबई निकाय चुनावों में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। कांग्रेस ने 31, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) 7, एनसीपी 9 और अन्य ने 7 सीटों पर जीत हासिल की है।

बता दें कि 227 सीटों वाली बीएमसी में जादुई आंकड़ा 114 का है। इस तरह अब शिवसेना और बीजेपी के लिए अपनी धुर विरोधी कांग्रेस के साथ के बिना मुंबई नगर निगम पर काबिल होना असंभव है। बता दें कि बहुमत के लिए आंकड़े के लिए दोनों को 30 से ज्यादा सीटें चाहिए होंगी, जो कांग्रेस के पास ही हैं।

निरुपम ने की इस्तीफे की पेशकश, वोटरों पर भड़के देवड़ा
मुंबई निगम चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय निरुपम ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। निरुपम ने इस हार के लिए पार्टी के अंदर की कलह को जिम्मेदार ठहराया। वहीं कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने इस हार की भड़ास वोटरों पर निकाली है। उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव के नतीजों से लगता है कि जैसे मुंबईवाले गड्ढे वाली सड़कों, मलेरिया और वाटर टैंकर के साथ ही जीना चाहते हैं। उन्होंने शिवसेना और बीजेपी को बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है कि अगले पांच साल पिछले दो दशकों से बेहतर होंगे।

बीजेपी के लिए यह जीत है बड़ी
ये नतीजे बीजेपी के लिए भी खुशखबरी है। बीएमसी में 2012 में महज 31 सीटों पर सिमट जाने वाली पार्टी इस बार दोगुने सीट हासिल करने में सफल रही है। शिवसेना से नाता तोड़कर अकेले चुनाव लड़ रही बीजेपी के प्रचार अभियान की कमान खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संभाल रखी थी। उन्होंने न केवल इस बार अभूतपूर्व और ताबड़तोड़ प्रचार किया, बल्कि यह भी ऐलान किया कि नतीजे उलट आने पर जिम्मेदारी उनकी होगी। इसका असर होता भी नजर आया। बीएमसी में अच्छे प्रदर्शन के अलावा अन्य नगर निगमों में भी बीजेपी की हालत बेहतर हुई है। मुंबई और ठाणे को छोड़कर करीब करीब हर जगह बीजेपी को बढ़त मिली।

बता दें कि मुंबई नगर निकाय बीएमसी के लिए रेकॉर्ड करीब 55 प्रतिशत मतदान हुआ था। मुंबई के अलावा ठाणे, उल्हासनगर, नासिक, पुणे, पिम्परी-चिंचवाड, शोलापुर, अकोला, अमरावती और नागपुर के नगर निगमों के लिए भी मतदान हुआ था।