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BJP नेता को सबक सिखाने पर ट्रांसफर हुआ तो CO बोलीं-कहीं भेज दो, दबने वाली नहीं हूं

लखनऊ। यूपी में बुलंदशहर में बदतमीजी पर उतरे भाजपा नेताओं को सबक सिखाने पर तारीफ की जगह ट्रांसफर मिलने पर सीओ ने फेसबुक पर शेर लिखकर अपनी फीलिंग शेयर की। लिखा- जहां रहेगा, वहीं रौशनी लुटाएगा, किसी चराग का अपना मकां नहीं होता। पोस्ट में महिला सीओ ने कहा है कि वे अपने ट्रांसफर से बहुत खुश हैं। लिखा है कि उनका ट्रांसफर नेपाल से सटे बहराइच में हुआ है, मगर दोस्त परेशान न हों। सभी को वे बहराइच आमंत्रित करती हैं।

माना जा रहा है कि सीओ श्रेष्ठा सिंह ने यह पोस्ट अपने ट्रांसफर पर भावनाओं को साझा करने के लिए लिखा है। हालांकि उन्होंने फीलिंग हैप्पी भले हैशटैग किया है, मगर जाहिर होता है कि भाजपा नेताओं पर कार्रवाई पर तारीफ की जगह ट्रांसफर मिलना उन्हें कचोट रहा। इससे उन्हें हतोत्साहित करने की कोशिश की गई। श्रेष्ठा सिंह ने लिखा है कि उनका ट्रांसफर उनके अच्छे कार्य पर मुहर लगाता है।

क्यों किया योगी सरकार ने ट्रांसफर

दरअसल सीओ श्रेष्ठा ठाकुर 22 जून को गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी। रास्ते में स्थानीय बीजेपी नेता प्रमोद लोधी बिना हेलमेट लगाए अपनी बाइक से चले जा रहे थे। उनके पास गाड़ी के पूरे कागजात भी नहीं थे। सीओ ने जब उन्हें रोककर चालान काट दिया, तो वे भड़क गए। जिसके बाद नेता ने काफी देर तक सीओ से नोंकझोक की। धीरे-धीरे बात बिगड़ने लगी और नेता अभद्रता पर उतारू हो गये। जब हालात बेकाबू होने लगे तो पुलिस ने उन्हें सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।  इस मुद्दे पर पार्टी के 11 विधायक और सांसद एकजुट होकर एक प्रतिनिधिमंडल के रुप में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। सीएम से मुलाकात के एक हफ्ते के बाद ही सीओ का तबादला कर दिया गया। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इसे अपने अभिमान के साथ जोड़ा था और ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए उच्च स्तरीय दबाव भी बनाया।    पार्टी के शहरीय अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने स्वीकार किया कि ठाकुर का स्थानांतरण पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के गौरव को बरकरार रखने के लिए जरूरी था। उन्होंने सीओ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य पार्टी के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी आरोप लगाया।