www.puriduniya.com लखनऊ। बीजेपी के हारे हुए विधान परिषद प्रत्याशी दयाशंकर सिंह ने अपने ही नेताओं पर शनिवार को खीज उतारी। विधान परिषद दल के नेता सुरेश खन्ना के कार्यालय में बैठे मुख्य सचेतक राधामोहन अग्रवाल से उन्होंने खूब शिकायतें कीं। दयाशंकर ने उनसे विधायकों की लिस्ट भी मांगी और पूछा कि किन-किन विधायकों ने उन्हें वोट किया। राधामोहन ने लिस्ट देने से इनकार किया तो दोनों में बहस हो गई।
बीजेपी ने दयाशंकर को अतिरिक्त प्रत्याशी के तौर पर विधान परिषद चुनाव में उतारा था। उन्हें महज 23 वोट मिले और वह हार गए। शनिवार को वह अपने ही नेताओं से नाराज दिखे। सुरेश खन्ना के कमरे में कई नेता और कार्यकर्ता चुनाव पर चर्चा कर रहे थे। तभी वहां मौजूद दयाशंकर ने पार्टी पर ही खुद को हराने के आरोप लगाए। उन्होंने मुख्य सचेतक राधा मोहन अग्रवाल से कहा कि ठीक से मैनेजमेंट नहीं किया गया। उन्हें भी धोखे में रखा गया। वह विधायकों की लिस्ट मांगने लगे तो राधा मोहन ने देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी ने जिम्मेदारी सौंपी है। वह पार्टी के किसी भी निर्णय का खुलासा सार्वजनिक तौर पर नहीं कर सकते। लिस्ट भी वह पार्टी को ही देंगे। दयाशंकर ने कहा कि सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों की संख्या और नाम तय करते हैं। यहां पहले नंबर का और दूसरे नंबर का प्रत्याशी घोषित कर पहले ही खुलासा कर दिया जाता है। पहले प्रत्याशी को दो वोट ज्यादा मिले। वह वोट भी मिल जाते तो जीत सकते थे।
इस दौरान कार्यालय में राज्यसभा प्रत्याशी प्रीति महापात्रा और उनके पति भी मौजूद थे। साथ ही बीएसपी छोड़कर आए राजेश त्रिपाठी भी थे। दया शंकर के इस रुख ने उनकी भी चिंता बढ़ा दी। इस दौरान पार्टी के नेताओं ने दयाशंकर से कहा कि यहां सार्वजनिक तौर पर नहीं, अलग से इस मुद्दे पर बात करें।