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जन्मदिन विशेष: नेहरू.गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य राहुल गांधी भी राजनीति में सक्रिय आइए जानते हैं राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…

भारतीय राजनेता राहुल गांधी आज यानी की 19 जून को अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य राहुल गांधी भी राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि उनके पास नेहरू, इंदिरा या राजीव गांधी जैसा करिश्माई प्रभाव नहीं हैं। लेकिन अक्सर राहुल से भी पिछली पीढ़ियों के जैसे ही जादू की उम्मीद की जाती है। राहुल गांधी भारतीय राजनेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य भी हैं। आइए जानते हैं राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…

जन्म और शिक्षा

देश की राजधानी दिल्ली में 19 जून 1970 को राहुल गांधी का जन्म हुआ था। वह देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी के बेटे हैं। राहुल गांधी का शुरूआती जीवन सार्वजनिक जीवन से अलग रहा। जब राहुल गांधी का जन्म हुआ था तो उनकी दादी इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। जिसके बाद उत्तराखंड के देहरादून में साल 1981 से 1983 के बीच राहुल गांधी ने ‘दून स्कूल’ से पढ़ाई की। यहां पर उनके पिता राजीव गांधी भी पढ़े थे। लेकिन साल 1984 में देश की तत्कालीन पीएम और राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी की हत्या से उनकी पढ़ाई में व्यवधान लगा।

 

सुरक्षा कारणों के चलते करीब साल 1989 तक राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी को घर से ही अपनी पढ़ाई जारी रखनी पड़ी। इसके बाद साल 1989 में राहुल गांधी ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटा से एडमिशन लिया। यहां पर उनकी रैगिंग की एक तस्वीर ने काफी सनसनी मचाई थी। फिर साल 1990 में राहुल ने अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिए हावर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। लेकिन साल 1991 में लिट्टे आतंकवादियों ने उनके पिता और देश के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी की हत्या कर दी।

 

वहीं सुरक्षा कारणों के चलते राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से डेवलपमेंड स्टडीज में एमफिल करने के प्रवेश लिया। जहां पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राहुल का नाम सु राहुल विंसी लिखवाया गया था। क्योंकि लगातार उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लंदन में तीन साल तक मॉनिटर ग्रुप नाम की सलाहकार फर्म के साथ काम किया। इसके बाद साल 2002 में वह मुंबई की एक तकनीकी आधारित आउट सोर्सिंग कंपनी बैकोप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक थे।

 

राजनीति में प्रवेश 

राहुल गांधी से लगातार नेहरू-गांधी परिवार के विरासत के रूप में कांग्रेस पार्टी को संभालने का सवाल किया जाता रहा। जिसके बाद साल 2004 में राहुल गांधी ने राजनीति में प्रवेश कर लिया। साल 2004 में राहुल गांधी ने अपने पिता की संसदीय सीट अमेठी से चुनाव मैजान में उतरे थे। वहीं लोकसभा सदस्य के तौर पर राहुल गांधी ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत की थी। फिर साल 2009 में वह दूसरी बार अमेठी से जीतकर लोकसभा पहुंचे। इसी साल यानी की राहुल को कांग्रेस पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था।

 

साल 2014 में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में अमेठी से जीत का सिलसिला जारी रखा। वहीं साल 2017 में राहुल गांधी को ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी का महासचिव बनाया गया। इसके अलावा उन्हें भारतीय युवा कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट यूनियन का प्रभारी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद साल 2019 में राहुल को अपने गढ़ अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी से शिकस्त खानी पड़ी। हालांकि इस दौरान उनको केरल के वायनाड से जीत मिली। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंप दिया।