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नैनो डीएपी को मंजूरी मिलना उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में उठाया गया यह कदम किसानों के लिए फायदेमंद होगा: मांडविया

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने नैनो तरल डीएपी (डाई अमोनिया फॉस्फेट) उर्वरक बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी है। मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, “नैनो यूरिया के बाद सरकार ने अब नैनो डीएपी को भी मंजूरी दे दी है।” उन्होंने इसे उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा।

नैनो तरल डीएपी को वर्ष 2021 में पहली बार लाने वाले उर्वरक सहकारी संघ इफको ने शुक्रवार को ही कहा था कि सरकार ने उसके नैनो डीएपी उर्वरक को बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी है। इफको के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी ने एक ट्वीट में कहा था कि इफको नैनो डीएपी को कृषि मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) में अधिसूचित किया गया है।

अवस्थी ने कहा था कि इफको नैनो डीएपी का विनिर्माण करेगी जो भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने वाला होगा। अवस्थी ने गत दिसंबर में कहा था कि इफको नैनो डीएपी की आधा लीटर की बोतल को 600 रुपये की दर पर उतारेगा। नैनो डीएपी की यह बोतल डीएपी की एक बोरी उर्वरक के बराबर असरदार होगी जिसकी मौजूदा कीमत 1,350 रुपये है।

इफको ने परंपरागत यूरिया के विकल्प के तौर पर जून 2021 में नैनो यूरिया को भी बाजार में उतारा था। नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए इफको ने उत्तर प्रदेश और गुजरात में संयंत्र लगाए हैं। हालांकि नैनो यूरिया पर सरकार की तरफ से किसानों को कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है। इसकी कीमत 240 रुपये प्रति बोतल है।