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अखिलेश ने भाजपा पर साधा निधाना कहा, भाजपा चाहती है कि ज्ञानवापी के मामले में नौजवान उलझे रहें

वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर मस्जिद मुद्दे को लेकर उत्तरप्रदेश की राजनीति लगातार गर्म होती जा रही है। भले ही भाजपा इस मुद्दे को लेकर अभी भी प्रखंड नहीं है लेकिन विपक्ष ज्ञानवापी मामले को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर हमलावर है। इन सब के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंदू आस्था को लेकर विवादित बयान दे दिया है। दरअसल, ज्ञानवापी मामले से जुड़े एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया।

इसके साथ ही अखिलेश ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि ज्ञानवापी के मामले में नौजवान उलझे रहें। उन्हें रोजगार के बारे में जवाब न देना पड़े। विकास के लिए शांति-सौहार्द की जरूरत होती है। यादव ने आरोप लगाया कि चूंकि भाजपा को विकास में कोई रुचि नहीं है इसलिए वह समाज में साम्प्रदायिकता का विषाक्त वातावरण पैदा करना चाहती है। चुनाव तक ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए भाजपा के पास नफरत वाला कैलेंडर है। सपा प्रमुख ने कहा कि जिस समय हम और आप इस बहस को देख रहे थे तब पता नहीं देश की कौन सी चीज बिक रही थी।

वहीं इस मामले को लेकर मायावती ने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि भाजपा द्वारा धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल व अन्य स्थलों के मामले में षडयंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है। बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि इससे अपना देश मज़बूत नहीं होगा, BJP को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।