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PM के पंचर वाले बयान पर भड़के ओवैसी, बोले, ऐसी भाषा प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह टिप्पणी कि वक्फ भूमि के दुरुपयोग ने युवा मुस्लिम लड़कों को साइकिल पंक्चर ठीक करने जैसे छोटे-मोटे काम करने पर मजबूर कर दिया है, विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। विपक्ष ने कहा कि ऐसी भाषा प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देती। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में पारित वक्फ कानून का बचाव करते हुए हरियाणा के हिसार में यह टिप्पणी की। वक्फ कानून पर राजनीति करने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वक्फ संपत्तियों से केवल भू-माफियाओं को फायदा हुआ है, जबकि पिछड़े मुस्लिम समुदाय को कुछ नहीं मिला। देशभर में वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन है। इस जमीन का इस्तेमाल गरीब, असहाय महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए था। अगर वक्फ की जमीन का सही तरीके से इस्तेमाल होता तो युवा मुस्लिम लड़कों को अपनी आजीविका चलाने के लिए साइकिल पंचर जोड़ने पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

वक्फ कानून, जो इस माह के प्रारंभ में संसद द्वारा पारित किया गया था और पिछले सप्ताह लागू हुआ, वक्फ संपत्तियों के विनियमन में सरकार की भूमिका का विस्तार करता है। वक्फ कानून में संशोधन के मुखर आलोचक एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले 11 वर्षों में गरीब हिंदुओं और मुसलमानों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठाया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि मोदी ने कहा कि अगर वक़्फ़ की संपत्तियों का ठीक से इस्तेमाल होता तो मुसलमान नौजवानों को पंक्चर नहीं बनाना पड़ता। अगर संघ परिवार की सोच और संपत्ति देशहित में इस्तेमाल होती, तो मोदी को चाय नहीं बेचनी पड़ती। पिछले 11 साल में मोदी ने ग़रीब भारतीयों – हिंदू या मुसलमान के लिए क्या किया? 33% भारतीय बिना नौकरी और पढ़ाई के जी रहे हैं। वक़्फ़ की संपत्तियों के साथ जो हुआ है, उसकी एक बड़ी वजह यह है कि वक़्फ़ का क़ानून और प्रशासन हमेशा से कमज़ोर रखा गया था। मोदी का वक़्फ़ संशोधन इसे और भी कमज़ोर कर देगा।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह की भाषा का इस्तेमाल पद की गरिमा का अपमान है। प्रतापगढ़ी ने कहा कि आपने देश के युवाओं को इस मुकाम पर पहुंचा दिया है। नौकरियां नहीं हैं। टायर पंक्चर ठीक करना या पकौड़े बेचना ही एकमात्र विकल्प है। लोकसभा में आपके पास एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है। आप मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात करते हैं। लोकसभा या राज्यसभा में आपके पास एक भी मुस्लिम महिला सांसद नहीं है।