राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में तेज प्रताप यादव, हेमा यादव और अन्य आरोपियों को जमानत दे दी। वे समन जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुए। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती ने छूट की अर्जी दाखिल की। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने प्रत्येक आरोपी द्वारा 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती बांड प्रस्तुत करने पर आरोपियों को जमानत दे दी। अदालत ने मामले की सुनवाई 20 मार्च को निर्धारित की है।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने कहा कि जब भी चुनाव होने वाले होते हैं, भारत और राज्य सरकार जानबूझकर हमें परेशान करना शुरू कर देती है… अदालत जो भी कहेगी, हम उसे स्वीकार करेंगे। अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर निर्णायक आरोप सहित सभी तीन आरोपपत्रों का संज्ञान लिया। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया गया है। आरोपियों में 30 सरकारी कर्मचारी और 38 उम्मीदवार हैं। पहली चार्जशीट में तीन अतिरिक्त आरोपियों को भी शामिल कर समन किया गया है।
दूसरी चार्जशीट में आरोपी भोला यादव, प्रेम चंद गुप्ता को भी समन किया गया है। तीसरी चार्जशीट में हेमा यादव और तेज प्रताप यादव को भी समन किया गया है। 7 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मामले में निर्णायक आरोपपत्र दाखिल किया। कोर्ट ने 29 मई को सीबीआई को जमीन के बदले नौकरी मामले में निर्णायक आरोपपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने समय दिए जाने के बावजूद निर्णायक आरोपपत्र दाखिल न किए जाने पर भी नाराजगी जताई थी।
4 अक्टूबर, 2023 को अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले मामले में पहले की चार्जशीट के संबंध में जमानत दे दी थी। सीबीआई के अनुसार, दूसरी चार्जशीट 17 आरोपियों के खिलाफ थी, जिसमें तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के तत्कालीन दो सीपीओ, निजी व्यक्ति, निजी कंपनी आदि शामिल थे। यह मामला भूमि के बदले नौकरी घोटाले से जुड़ा है।