हरियाणा के रोहतक में सांपला बस स्टैंड के पास शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल का शव सूटकेस में मिला, जिसने राज्य की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई सबूत नहीं मिला है। इस बीच हिमानी की मां सविता और भाई जतिन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हिमानी के हत्यारे पार्टी से जुड़े हो सकते हैं।
मां ने बेटी की मौत पर क्या कहा?
हिमानी की मां ने कहा, ‘प्रशासन यहां है। वे क्या करेंगे? वे जो कर सकते हैं, करेंगे। हमें लगता है कि यह (अपराधी) कांग्रेस पार्टी से जुड़ा कोई व्यक्ति हो सकता है। राहुल गांधी की पदयात्रा के ठीक बाद से ही वह कुछ लोगों के लिए एक दुखती रग बन गई थी। कुछ लोगों को आश्चर्य हुआ कि वह इतनी कम उम्र में इतनी जल्दी कैसे आगे बढ़ गई। यह बात आशा हुड्डा जानती थीं, बत्रा साहब और हुड्डा साहब भी जानते थे। यह बात सभी जानते थे।’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव के दौरान वह रात 2 बजे तक काम करती थी। आज एक बार भी वे हमारे पास नहीं आए। मैंने आशा हुड्डा (भूपिंदर सिंह हुड्डा की पत्नी) को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।’
बेटी के साथ आखिरी मुलाकात को याद करते हुए सविता ने कहा, ‘मैं 27 फरवरी को शाम 4 बजे तक उसके साथ थी। उसने मुझे बताया कि वे शाम 4 बजे दिल्ली के लिए निकलीं और दिल्ली बाईपास से बस पकड़ी। मैंने उस रात फिर उससे बात की। उसने मुझे बताया कि अगले दिन हुड्डा साहब का कार्यक्रम है और वे बात नहीं कर पाएंगी। उसने कहा कि वे मुझे फ्री होकर एक बार फोन करेंगी। मैंने पूरा दिन इंतजार किया लेकिन जब मैंने रात को उसे कॉल किया तो उसका नंबर स्विच ऑफ था। जब मैंने अगली सुबह उसे कॉल किया तो वह दो बार स्विच ऑन हुआ और फिर से स्विच ऑफ हो गया।’ इससे पहले सविता ने कहा था कि जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता, वह उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगी।
भाई ने प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया
हिमानी के भाई जतिन ने कहा, ‘हमारी कॉलोनी में कई सीसीटीवी लगे हैं। सूटकेस (जिसमें शव मिला) हमारे ही घर का है। हो सकता है कि वह (अपराधी) कांग्रेस पार्टी का कोई व्यक्ति हो, हो सकता है कि किसी को उससे इतनी जल्दी ऊपर चढ़ने पर ईर्ष्या हो।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है, अगर वे सहयोग करते तो अब तक अपराधी पकड़े जा चुके होते।’
जतिन ने कहा, ‘वे पिछले 10 सालों से पार्टी से जुड़ी थीं। वे रोहतक में अकेली रहती थीं। मैंने उनसे आखिरी बार 24 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से बात की थी। मैं सभी से अपनी बहन को न्याय दिलाने की अपील करता हूं। मैंने अपने पिता, भाई और बहन को खो दिया है। अब केवल मैं और मेरी मां ही बची हैं। मैं हाथ जोड़कर न्याय मांगता हूं।’